बिजनौर प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) एम. सेम्मारन ने कहा कि नगीना के लक्खूवाला गांव में तेंदुए के तीन शावकों को, धामपुर में सरावा क्षेत्र में तीन और अकबराबाद क्षेत्र में नियामतपुर में दो शावकों को पिछले 20 दिनों में बचाया गया है।
सभी अपनी मांओं से फिर से मिल गए हैं।
सेम्मारन ने कहा, हम मां से बिछड़े शावकों को फिर से मिलवाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि मादा तेंदुआ अपने शावकों से अलग होने के बाद आक्रामक हो सकती हैं। कभी-कभार जब मां ने अपने शावकों को स्वीकार नहीं किया, तो हमें उन्हें चिड़ियाघर में भेजना पड़ा है।
डीएफओ ने कहा कि अब, एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। शावकों की निगरानी के लिए विभिन्न स्थलों पर कैमरे लगाए गए हैं। एक बार जब शावक मां के साथ फिर से मिल जाते हैं, तो उन्हें सर्दियों में दो दिन और गर्मियों में एक दिन निगरानी में रखा जाता है।
किसानों को शावकों या तेंदुओं को नुकसान नहीं पहुंचाने और खेतों में इनके मिलने पर वन विभाग के अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा गया है।