केंद्रीय कैबिनेट ने 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड को मंजूरी दी

नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड को मंजूरी दे दी। इस योजना के जरिए फसलों की कटाई के बाद उसके प्रबंधन के लिए बुनियादी संरचना के विकास और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के विकास के लिए ब्याज अनुदान व वित्तीय मदद प्रदान कर निवेश के लिए मध्यम व लंबी अवधि के कर्ज की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नई देशव्यापी केंद्रीय क्षेत्र योजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

मंत्रिमडल के फैसले की जानकारी यहां मीडिया को देते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र इसलिए उपेक्षित है, क्योंकि निजी निवेश गांव व खेत तक नहीं पहुंच पाता है, लेकिन नए कानूनी बदलाव के परिणामस्वरूप निजी निवेश किसान तक, गांव व खेत तक पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि निजी निवेश गांव तक पहुंचे, इसके लिए यह एक लाख करोड़ रुपये का पैकेज है।

उन्होंने कहा, “आज मंत्रिमंडल की बैठक में इस पूरी परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई।” तोमर ने कहा कि यह योजना भारत के कृषि क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने में सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज, कोल्डचेन, भंडारण, साइलो समेत तमाम बुनियादी परियोजनाओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि “इस प्रकार की अधोसंरचना से किसानों को फायदा होगा। करीब 20 फीसदी फसल इसके अभाव में खराब हो जाती है। इससे फसल की बर्बादी रुकेगी और गांवों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

इस योजना के अंतर्गत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा एक लाख करोड़ रुपये ऋण के रूप में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसी), विपणन सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), किसानों, संयुक्त देयता समूहों (जेएलसी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि उद्यमियों, स्टार्टअप, संग्रहित अवसंरचना प्रदाताओं और स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक निजी भागीदारी परियोजनाओं को उपलब्ध कराई जाएगी।

ऋण का वितरण चार वर्षों में किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन वित्तीय वर्ष में 30,000 करोड़ रुपये क्रमश: की मंजूरी प्रदान की गई है।

इस वित्तपोषण सुविधा के अंतर्गत, सभी प्रकार के ऋणों में प्रति वर्ष दो करोड़ रुपये की सीमा तक ब्याज में तीन फीसदी की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अधिकतम सात वर्षों के लिए उपलब्ध होगी।

इसके अलावा, दो करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) योजना के अंतर्गत इस वित्तपोषण सुविधा के माध्यम से पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा।

इस कवरेज के लिए सरकार द्वारा शुल्क का भुगतान किया जाएगा। एफपीओ के मामले में, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसीएफडब्ल्यू) के एफपीओ संवर्धन योजना के अंतर्गत बनाई गई इस सुविधा से क्रेडिट गारंटी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

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