कोरोना वायरस चलते चीन को जीरा निर्यात ठप, 1 महीने में 13 फीसदी टूटा दाम


चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारत से जीरे का निर्यात ठप पड़ गया है, जिसके कारण घरेलू बाजार में जीरे के दाम में एक महीने में 13 फीसदी की गिरावट आई है।

वहीं, हाजिर बाजार में जीरे का दाम बीते एक महीने में 30 रुपये प्रति किलो तक टूटा है।

भारत सबसे ज्यादा जीरा चीन को निर्यात करता है जहां कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते निर्यात नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

देश में कृषि उत्पादों का सबसे बड़ा वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर गुरुवार को जीरे के मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में भाव 13,545 रुपये प्रति क्विंटल तक टूटा जबकि एक महीने पहले 13 जनवरी को जीरे का भाव 15,680 रुपये प्रतिक्विं टल तक उछला था। इस प्रकार एक महीने में एनसीडीएक्स पर जीरे का भाव 2,135 रुपये यानी 13.6 फीसदी टूटा है।

कमोडिटी बाजार के जानकार केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि चीन में कोरोना वायरस से प्रभावित नए मामलों में इजाफा होने से गुरुवार को जीरे के दाम पर दबाव बढ़ गया।

गुजरात देश में जीरे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और इसका सबसे बड़ा बाजार गुजरात के ऊन्झा में है।

ऊन्झा कमोडिटी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट विजय जोशी ने बताया कि भारत सालाना करीब 1.5 लाख टन जीरा निर्यात करता है जिसमें 50,000 टन सिर्फ चीन को निर्यात होता है। उन्होंने बताया कि बीते एक महीने से चीन को जीरे का निर्यात नहीं हो रहा है, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जीरे का भाव करीब 200 डॉलर प्रति टन टूट गया है। वहीं, किलो में देखें तो एक महीने में 30 रुपये प्रति किलो जीरे का भाव टूटा है।

उन्होंने बताया कि मुंडरा डिलीवरी सिंगापुर-99 जीरे का भाव गुरुवार को 2,800 रुपये प्रति 20 किलो यानी 140 रुपये प्रति किलो था।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल से लेकर दिसंबर तक भारत ने कुल 1,62,094.38 टन जीरा निर्यात किया है जिसमें से चीन को कुल निर्यात 43,196.58 टन हुआ है। इस प्रकार भारत ने जीरे के अपने कुल निर्यात में चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीने में 26 फीसदी से ज्यादा जीरा सिर्फ चीन को बेचा है। इससे जाहिर होता है कि चीन की खरीदारी नहीं होने से भारत में जीरे के बाजार पर कितना असर पड़ सकता है। जीरे का निर्यात प्रभावित होने से किसानों को इसका लाभकारी भाव नहीं मिल पाएगा।

केंद्रीय कृषि, एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा इस साल 27 जनवरी को जारी बागवानी फसलों के 2019-20 के पहले अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देश में इस साल जीरे का उत्पादन 5.47 लाख टन है। वहीं, इससे पहले 2018-19 के अंतिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में जीरे का उत्पादन 6.99 लाख टन था।

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