डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और जिंदल यूनिवर्सिटी  ने शुरू की पर्यावरण कानून कोर्स 

नई दिल्ली, 29 मार्च| डब्ल्यूडब्ल्यू इंडिया ने जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के साथ मिलकर पर्यावरण कानून, ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन में एक साल का एलएलएम कोर्स शुरू किया है। लॉ ग्रेजुएट और प्रोफेशनल अब इस कोर्स का चयन कर सकते हैं।

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति सी. राजकुमार ने एक बयान में कहा, “पर्यावरण एक ऐसा विषय है जिसका सच बताने के लिए विधिक संस्थानों और कानून की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पब्लिक पॉलिसी और कानून का यही लक्ष्य है और इसी मकसद से हम यह कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं।”

एक साल के एलएलएम कोर्स में कोर और इलेक्टिव कोर्स शामिल हैं जिनके तहत पर्यावरण कानून, ऊर्जा कानून और नीतियां, जलवायु परिवर्तन व्यवस्था व अनुकूलन, भारत में नवीकरणीय ऊर्जा विकास और अनुभवपरक अध्ययन के लिए क्षेत्र भ्रमण आते हैं।

इसका उद्देश्य पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंध के साथ-साथ कानून, न्यायपालिका, समाधान प्रक्रिया, वैकल्पिक ऊर्जा समाधान का अध्ययन करना है और यह जानना है कि लोग किस प्रकार जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण कानून और उपलब्ध समाधानों के कार्यान्वयन से वास्ता रखते हैं।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सीईओ रवि सिंह ने भी सुखद व स्वच्छ पर्यावरण बनाने और जलवायु में होने वाले परिवर्तन को रोकने में कानून की भूमिका पर बल दिया।

कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और हवाई के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति माइकल डी. विल्सन और न्यायमूर्ति सबरीना मैकेन्ना ने शिरकत की।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन को एक अस्तित्वपरक खतरा और आज मानव के लिए सबसे महत्वपूर्ण मसला बताया।

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