पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ये 5 बदलाव आप पर ऐसे डालेंगे असर

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत सालाना तीन किस्तों में 6000 रुपये का लाभ उठाने के लिए कुल 8 करोड़ 81 लाख लाभार्थी हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने 9 अगस्त को 8.5 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 17000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 30 लाख और किसानों को 2-2 हजार रुपये भेजा है। 24 फरवरी 2019 को शुरू हुई पीएम किसान योजना एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावित हो गई थी।

योजना शुरू होने के बाद से इसमें कई बदलाव किए जा चुके हैं। जैसे आधार कार्ड की अनिवार्यता, जोत सीमा का खत्म होना, खुद रजिस्ट्रेशन करना आदि। आइए जानें योजना शुरू होने से अब तक हुए महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में..

अगर आप पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का फायदा उठाने की सोच रहे हैं तो सबसे जरूरी आपका आधार है। बिना आधार के आप इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते। सरकार ने लाभार्थियों के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है।

पीएम किसान योजना का लाभ अधिक से अधकि किसानों तक पहुंचे, इसके लिए मोदी सरकार ने लेखपाल, कानूनगो और कृषि अधिकारी के चक्कर लागाने की बाध्यता ही खत्म कर दी। अब किसान अपना रजिस्ट्रेशन खुद कर सकते हैं वो भी घर बैठे।

अगर आपके पास खतौनी, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर है तो pmkisan.nic.in पर फामर्स कॉर्नर में जाकर खुद अपना रजिस्ट्रेशन कर लें।

सरकार ने एक और बड़ा बदलाव किया कि आप रजिस्ट्रेशन के बाद अपना स्टेटस खुद चेक कर सकते हैं। जैसे आपके आवेदन की क्या स्थिति है, आपके बैंक अकाउंट में कितनी किस्त आ चुकी है आदि।

अब पीएम किसान पोर्टल पर जाकर कोई भी किसान अपना आधार नंबर, मोबाइल या बैंक खाता नंबर दर्ज कर स्टेटस की जानकारी ले सकता है।

पीएम किसान स्कीम से अब किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) को भी जोड़ दिया गया है। पीएम किसान के लाभार्थियों के लिए केसीसी बनवाना आसान हो गया है। केसीसी पर 4 फीसदी पर 3 लाख रुपये तक किसानों को लोन मिलता है।

वहीं पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे किसान को पीएम किसान मानधन योजना के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। इस योजना के तहत किसान पीएम-किसान स्कीम से प्राप्‍त लाभ में से सीधे ही अंशदान करने का विकल्‍प चुन सकते हैं।

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