भूटान व मालदीव में कोरोनावायरस की जांच में भारत मददगार


केन्द्रीय स्वास्थ एवं परिवार कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा है कि चीन से दुनिया के 28 देशों मे फैले जानलेवा कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व स्वास्थ संगठन की आधिकारिक घोषणा से बहुत पहले ही इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर विगत 17 जनवरी से ही अपने स्तर पर सतर्कता, निगरानी, सावधानी, नियंत्रण, समन्वय, बचाव, उपचार और जन शिक्षण के हर संभव प्रयास शुरू कर दिये थे।

डॉ. हर्ष वर्धन गुरुवार को नई दिल्ली के निर्माण भवन में कोरोना वायरस के संबंध में भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे त्वरित कदमों, ताजा स्थिति और की गई कार्रवाई तथा तैयारियों के बारे में अपने मंत्रालय की ओर से आयोजित पहली आधिकारिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिदिन कोरोना वायरस से जुड़ें हर मामले की समीक्षा की जा रही हैं। साथ ही इस जानलेवा वायरस से निपटने के प्रयासों में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि केरल में चिन्हित हुए कोरोना वायरस संक्रमित तीन मामलों में से दो मामलों में अब तक हुई जांच एवं उपचार के अनुसार उन्हे सुरक्षित पाया गया हैं और एक व्यक्ति को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। एयर इंडिया के सहयोग से चीन से भारत लाये गए 645 भारतीय यात्रियों और आइसोलेशन में रखे गए लोगों को भी चिकित्सकीय निगरानी में रखने के बाद कोई लक्षण नहीं पाये जाने पर डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इसी प्रकार समुद्र में रोके गए जापान के एक जहाज मे फंसे भारतीय यात्रियों और क्रू मेम्बर्स के संबंध में हमारा विदेश मंत्रालय जापान सरकार और भारतीय दूतावास के निरंतर संपर्क में हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित मानदंडों के अनुरूप उनकी सुरक्षा और स्वदेश वापसी के हर संभव प्रयास जारी है।

उन्होंने कहा कि हम देशवासियों को यह भरोसा देना चाहते हैं कि वें किसी प्रकार के भय अथवा आशंका से ग्रसित नहीं होएं तथा केंद्र सरकार द्वारा समय- समय पर जारी की जा रही एडवाईजरी की पालना करवाने में संबन्धित एजेंसियों का पूरा सहयोग करें। उन्होंने प्रेस एवं मीडिया से भी अपील की कि वें जनसंचार के विभिन्न माध्यमों से जनता तक सही जानकारियां पहुचानें में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं ताकि जनता के बीच किसी प्रकार की भ्रांति और भय तथा अफवाह नहीं फैल सकें।

डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केन्द्र सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर स्थिति की निगरानी के लिए मेरी अध्यक्षता में विदेश मंत्री, नागरिक उड्डयन मंत्री, गृह राज्य मंत्री, जहाजरानी राज्य मंत्री और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री सहित मंत्रियों के एक समूह का गठन किया गया है। इस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की दो बैठक भी हो चुकी हैं। आज हुई बैठक में देश में दवाईयों और अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के पर्याप्त स्टॉक की उपलबद्धता तथा हर प्रकार की आपात परिस्थितियों से निपटने के संबंध में भी व्यापक विचार विमर्श हुआ हैं। यह मंत्री समूह स्थिति पर बराबर नजर रखे हुए है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार में उच्चतम स्तर पर राजनैतिक प्रतिबद्धता नोवेल कोरोनावायरस रोग (सीओवीआईडी-2019) के खिलाफ देश की कार्रवाई को दिशा दे रही है। भारत नोवेल कोरोनावायरस से निपटने के लिए विभिन्न सामयिक उपायों और निगरानी की उत्तम प्रणालियों के जरिए पूरी तरह तैयार है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि विदेश मंत्री, नागरिक विमानन मंत्री, गृह राज्य मंत्री, जहाजरानी राज्य मंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री की सदस्यता सहित उच्चस्तरीय मंत्री समूह केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में गठित किया गया है। यह मंत्री समूह स्थिति पर नजर रखे हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य, रक्षा, विदेश मंत्रालय, नागरिक विमानन, गृह, वस्त्र, फार्मासिटिकल, वाणिज्य, पंचायती राज और राज्यों के मुख्य सचिवों समेत अन्य अधिकारियों के साथ नियमित तौर पर समीक्षा की जा रही है। हमारे पास मंत्रियों के बीच बेहतर और प्रभावी समन्वय, मजबूत निगरानी प्रणाली, निदान में सहायक प्रयोगशालाओं का नेटवर्क, उन्नत चिकित्सा सुविधाएं, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी और मीडिया की उपस्थिति है जिसकी दूरदराज के इलाकों तक पहुंच है। हम भारत में नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार पर काबू पाने और रोकथाम के लिए अपने सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इसके अलावा मंत्रियों की बैठकें प्रतिदिन हो रही है और राज्य सरकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तैयारियों और कार्रवाइयों की समीक्षा की जा रही है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि सभी मंत्रालयों और राज्यों ने सराहनीय कार्य किया है। विशेष रूप से केरल ने निगरानी के प्रभावी और मजबूत प्रणाली का उपयोग किया है। भारत सरकार के उपायों का विवरण देते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि निगरानी, नमूना संकलन, नमूनों की पैकिंग और परिवहन, संक्रमण, रोकथाम और नियंत्रण तथा क्लीनिकल प्रबंधन पर राज्यों को समय समय पर परामर्श और दिशा निर्देश जारी किए गए। दरअसल भारत पहला ऐसा देश था जिसने 17 जनवरी, 2020 को यात्रा परामर्श जारी किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आपात चिंता घोषित किए जाने से पहले ये परामर्श जारी किए गए। यात्रा परामर्श को बदलती स्थिति के अनुरूप अद्यतन किया जाता है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि 21 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख बंदरगाहों, 65 अन्य बंदरगाहों और 6 सीमाओं पर स्थित प्रवेश स्थलों पर निगरानी की जा रही है। अब तक हवाई अड्डों से 2315 उड़ानों से कुल आए 2,51,447 लोगों की स्क्रीनिंग की गई, तीन संदिग्ध मामले पाए गए और 161 संपर्क सूत्रों की पहचान की गई। इसी तरह प्रमुख और अन्य बंदरगाहों पर 5491 यात्रियों और चालक दल के 285 सदस्यों की स्क्रीनिंग भी की गई। चीन, सिंगापुर, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया और जापान से आने वाले यात्रियों की एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक निगरानी भी की जा रही है। पिछले 28 दिनों से 15991 लोगों पर नजर रखी जा रही है। इनमें से 3058 लोगों ने 28 दिन की निगरानी अवधि पूरी कर ली है। 497 संदिग्ध मामलों को अलग-थलग रखा गया है।

उन्होंने बताया कि आईसीएमआर ने पूणे में नेशनल इंस्टियूट ऑफ वायरोलॉजी, पूणे को नोडल केंद्र बनाया है और 14 अन्य प्रयोगशालाओं का नेटवर्क स्थापित किया है। आवश्यकता होने पर इन प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर 50 की जा सकती है। अब तक 1071 नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 1068 नेगटिव पाए गए हैं और केवल तीन केरल में पॉजटिव पाए गए हैं। इसके अलावा भारत लाए गए 654 लोगों के नमूनों की जांच मानेसर और आईटीबीपी शिविरों मे की गई है और ये सभी नेगटिव पाई गई हैं। केरल से तीन पॉजटिव मामले चीन के हुबेई प्रांत में वुहान से आए विद्यार्थियों से संबंधित हैं। इन पर नजर रखना 28 जनवरी 2020 से शुरू किया गया था और 3 फरवरी, 2020 को एनआईवी, पूणे प्रयोगशाला ने इनके नमूनों को पॉजीटिव पाया। राज्यों से कहा गया है कि वे अलग-थलग रखने की सुविधाएं और वेंटिलेटर सहित नाजुक देखभाल की सुविधाएं पर्याप्त रूप में सुनिश्चित कराएं। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में अधिक जोखिम को देखते हुए आपात स्थिति से निपटने के वास्ते मंत्रालय ने रैपिड रिस्पांस टीम को प्रशिक्षित किया है। प्रतिदिन मीडिया को ब्रीफ किया जा रहा है और प्रेस विज्ञप्ति भेजी जा रही है। नेपाल की सीमा पर लगे जिलों के प्रत्येक गांव में ग्राम सभा के माध्यम से बचाव और नियंत्रण की जानकारी दी जा रही है। इतना ही नहीं दैनिक स्थिति रिपोर्ट तैयार की जाती है। 24 घण्टे का कॉल सेंटर कार्यरत है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी बताया कि भारत ने वुहान से 645 भारतीयों और मालदीव के सात नागरिकों को निकाला और उन्हें दो विशेष संगरोध शिविरों में अलग-थलग रखा गया और 14 दिन की अवधि के बाद नेगटिव पाए जाने पर उन्हें वहां से जाने दिया जाएगा। भारत ने मालदीव में नमूनों की जांच और भूटान में सीओवीआईडी-2019 से निपटने के लिए सहायता दी है। भारत ने अफगानिस्तान में नमूनों की जांच की सहायता देने पर सहमति व्यक्त की है। प्रधानमंत्री की वचनबद्धता के अनुरूप भारत, चीन में सीओवीआईडी-2019 पर काबू पाने के लिए आवश्यक वस्तुएं भेजकर चीन की मदद कर रहा है।

डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि सभी प्रवेश स्थलों पर निगरानी रखना, मामलों का शीघ्र पता लगाने, संपर्कों का पता लगाकर उनसे जानकारी लेना और आगे की कार्रवाई करने के लिए बहुत मददगार है। उन्होंने कहा कि सीओवीआईडी-2019 अत्यंत संक्रामक है हालांकि चीन में इससे लगभग 2 प्रतिशत मौतें हो रही हैं और चीन से बाहर 0.2 प्रतिशत। इस रोग के महामारी-विज्ञान के कई मानदंडों की अभी जानकारी नहीं है।

उन्होंने जिम्मेदार रिर्पोटिंग, कठिन परिश्रम और भारत में सीओवीआईडी-2019 का नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए मीडिया के ईमानदार प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मीडिया लोगों में जानकारी का प्रसार करता है और सभी पक्षों में अफवाहों का खंडन करते हुए सही सूचना का प्रसार भी सुनिश्चित करता है।

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