नई दिल्ली, – स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि देश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है।
मंत्रालय ने कहा कि देश के पास हजारों मीट्रिक टन सरप्लस ऑक्सीजन है।
मंत्रालय के अनुसार, अभी कोरोनावायरस के छह प्रतिशत से ज्यादा रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता है।
जिसमें से 3.69 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्ट के लिए, 2.17 प्रतिशत आईसीयू बेड (ऑक्सीजन के साथ), 0.36 प्रतिशत वेंटिलेटर सपोर्ट (ऑक्सीजन के साथ) के लिए है
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, राष्ट्रीय स्तर पर, ऑक्सीजन की निश्चित ही कोई कमी नहीं है।
बल्कि 1900 मीट्रिक टन का सरप्लस है। यह समस्या तब आती है, जब फैसिलिटी लेवल, पर आपके पास इंवेंट्री मैनेजमेंट नहीं होता।
भूषण ने कहा कि देश के पास 6900 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता है।
कोविड-19 रोगी और गैर-कोविड आवश्यक सेवाओं को मिलाकर रोजाना उपयोग में 2800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रयोग में लाई जाती है।