पानी बचाने के लिए बिहार में अब लगेगी ‘जल चौपाल’

पटना, 30 जुलाई| बिहार में अब बारिश का जल बचाने और पानी का दुरूपयोग रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) विभाग राज्य के गांवों में ‘जल चौपाल’ लगाएगी।

बिहार में जल संकट को देखते हुए सरकार कई तरह के उपाय कर रही है, जिसमें बारिश का संचयन करने पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। पीएचईडी ने अब पानी की महत्ता समझाने के लिए गांव में चौपाल लगाने का निर्णय लिया है। पीएचईडी विभाग के मंत्री विनोद नरायण झा ने मंगलवार को कहा कि बिहार के गांवों में अब जल चौपल लगाकर लोगों को बारिश का पानी बचाने और पानी का दुरूपयोग रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा।

इस चौपाल में विभाग के इंजीनियर के अलावा पंचायत प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जल, जीवन और हरियाली की जिम्मेदारी के मिशन साथ आगे बढ़ रही है।

उन्होंने जल संचयन की ओर ध्यान दिए जाने पर बल देते हुए कहा कि मिथिला क्षेत्र को जलजमाव क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, परंतु इस गर्मी के मौसम में उन क्षेत्रों में भी चापाकल सूख गए थे।

झा ने लोगों से इस समस्या के समाधान के लिए सहभागी बनने की अपील करते हुए कहा कि इस समस्या से उबरने के लिए सरकार के साथ-साथ आम लोगों की सहभागिता जरूरी है।

उन्होंने बिहार में सात निश्चय के तहत चलाए गए कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार का संकल्प वर्ष 2020 तक हर घर तक नल का जल पहुंचाना है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि आज पेयजल का उपयोग खेत में पटवन के रूप में करते हैं। उन्होंने कहा कि आज लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। यही कारण है कि विभाग ने अब गांव-गांव में जल चौपाल लगाने का निर्णय लिया है।

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