यूरिया संकट से निपटने के लिए सरकार ने बनाया कॉल सेंटर !

मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में यूरिया खाद का संकट बना हुआ है, किसान सड़कों पर उतर रहे हैं। खाद वितरण व्यवस्था में प्रशासनिक अमले और पुलिस महकमे की मदद लेनी पड़ रही है। सरकार किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने का वादा कर रही है, साथ ही उसने शिकायत के लिए कॉल सेंटर स्थापित कर दिया है।

राज्य में रबी की खेती के लिए किसानों को यूरिया खाद की आवश्यकता है। खाद वितरण केंद्रों पर सुबह से ही किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती हैं। खाद की कमी की बात सामने आने पर किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं। मंगलवार को सागर, खंडवा, उज्जैन, विदिशा, रायसेन, सीहोर, अशोक नगर और गुना में किसानों ने सड़क पर उतर कर विरोध दर्ज कराया है।

राज्य सरकार द्वारा लगातार किसानों के लिए जरूरत का यूरिया उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे हैं। सरकार का दावा है कि अब तक 18 रैक से ज्यादा यूरिया आ चुका है और आगामी 11 दिसंबर तक 49 रैक यूरिया और आ जाएगा। इस तरह 10 दिसंबर तक कुल 67 रैक यूरिया जिलों तक पहुंच जाएगा, और किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

राज्य में गहराते यूरिया संकट को लेकर भाजपा ने सरकार के दावों पर सवाल उठाया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है, “मुख्यमंत्री कमलनाथ दावे कर रहे हैं कि यूरिया का संकट नहीं है। किसानों को परेशानी नहीं है। तो फिर मुख्यमंत्री आप बताएं कि किसानों को यूरिया के बदले लाठियां क्यों मिल रही हैं। क्यों यूरिया के लिए किसानों की कतारें लग रही हैं। पुलिस थानों से यूरिया क्यों बांटा जा रहा है।”

देवास जिले के खातेगांव में थाने से यूरिया बांटे जाने की तस्वीरें और अब किसानों के सड़क पर उतरने की घटनाएं सामने आई हैं। बैतूल में तो अधिकारियों को यूरिया वितरण व्यवस्था पर नजर रखने को कहा गया है। इसी तरह अन्य स्थानों पर भी व्यवस्थाएं की गई है।

कृषि मंत्री सचिन यादव का दावा है, “इस साल पिछले साल से ज्यादा यूरिया आ रहा है। सरकार किसी भी स्थिति में किसानों को यूरिया के लिए परेशान नहीं होने देगी। भोपाल में किसानों की शिकायत और समस्याओं को जानने के लिए राज्यस्तरीय यूरिया वितरण शिकायत कक्ष स्थापित किया गया है। दूरभाष क्रमांक 0755-2558823 है। इस पर किसान कार्यालयीन समय सुबह 10 से शाम 5़ 30 बजे तक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे।”

मंत्री के मुताबिक, वह यूरिया वितरण प्रणाली पर स्वयं नजर रखे हुए हैं। कक्ष में सहायक संचालक स्तर के 13 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ये अधिकारी दिन भर में आई शिकायतों का निराकरण करने के बाद शाम को रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसकी समीक्षा की जाएगी।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *