अतीत की गौरवशाली परंपराएं हमें आगे बढ़ने को प्रेरित करती हैं : योगी


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अतीत को विस्मृत करके कोई समाज और राष्ट्र आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि अतीत की गौरवशाली परंपराएं हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। योगी ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित अवध शिल्पग्राम में तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं।

योगी ने कहा कि बीते 67-68 वर्षों में किसी को उत्तर प्रदेश के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं थी क्योंकि उन्हें यहां की गौरवशाली परंपराओं और अतीत से कोई सरोकार नहीं था। उन्होंने कहा कि अतीत के अनुभव के आधार पर हम अपने भविष्य के निर्माण के लिए योजनाएं बनाते हैं और अतीत की गौरवशाली परंपराएं ही हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश अस्तित्व में आया था। आज हमने अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूरे किए हैं। यह अवसर हम सबके लिए 70 वर्षों की यात्रा पर आत्ममंथन करने का भी है।”

उन्होंने कहा “पिछले वर्ष हमने प्रयागराज में कुंभ का आयोजन किया था। लोग मुझसे पूछते थे कि कितने लोग इस आयोजन में आएंगे, तो मैं कहता था कि उत्तर प्रदेश की आबादी 23 करोड़ है, इससे कम लोग तो नहीं आएंगे। इस पर लोग कहने लगे कि 2013 में तो सिर्फ 12 करोड़ ही आए थे, तो इस बार मान के चलें कि इसके दोगुने तो आएंगे ही।”

इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, “उत्तर प्रदेश राम और कृष्ण की जन्म स्थली होने के साथ ही गौतम बुद्ध और महावीर की स्थली भी है। यहां चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां और राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारी भी पैदा हुए, जिन्होंने अपूर्व साहस, वीरता और बलिदान से देश को आजादी दिलाने में अपनी भूमिका निभाई।”

उप्र दिवस समारोह के दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने खेल के क्षेत्र में प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पांच खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और नौ खिलाड़ियों को लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार के तौर पर उन्हें कांस्य प्रतिमा, प्रशस्ति पत्र और कुल 3,11,000 की धनराशि के चेक प्रदान किए गए। इस मौके पर प्रदेश में निवेश के लिए छह उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया।

समारोह के दूसरे दिन 25 जनवरी को विभिन्न कार्यक्रम होंगे। वहीं 26 जनवरी को प्रदेश के कलाकार सांस्कृतिक व लोक कला से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

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