नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आज हर हिंदुस्तानी गर्व के साथ कह सकता है, ‘एक राष्ट्र एक संविधान’।
उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण, प्लास्टिक के इस्तेमाल में कमी, सभी को पेयजल उपलब्ध कराना और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद को बनाने जैसी बातों पर जोर देकर अपनी सरकार के अगले पांच वर्षो को लेकर भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा का खाका पेश किया।
लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने देश को पटरी पर लाया, और ‘यह तेजी से आगे बढ़ रहा है।’ लेकिन उनका नया जनादेश 21वीं सदी के लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए है, जो एक ऐसे देश से हैं, जो ऊंचाई पर जा सकता है।” उन्होंने कहा, “अगले पांच वर्षो में हम देश को आगे ले जाएंगे, हम एक-एक करके कामों को पूरा कर रहे हैं।”
जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35 ए को निरस्त करने पर आलोचना करने वालों से उन्होंने पूछा कि क्या कारण है कि अनुच्छेदों को रहने दिया गया हालांकि इनसे राज्य के लोगों के विकास में कोई मदद नहीं मिली।
मोदी का भाषण डेढ़ घंटे तक चला। उन्होंेने कहा कि उनकी सरकार की नीति ना समस्याओं टालने और ना पालने की है।
मोदी ने कहा, “लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि समस्याओं को नजरअंदाज करने का भी समय नहीं है।” उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत से पारित होना दर्शाता है कि लोग इसके पक्ष में थे।
उन्होंने कहा कि दोनों अनुच्छेदों ने पिछले 70 वर्षो से अधिक समय से राज्य में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रखा था, वंशवाद का पोषण किया, ताकि राज्य में ‘भ्रष्टाचार और विभाजन पैदा किए जाए’ और आम लोग केंद्रीय कानूनों के लाभ से वंचित हो जाएं।
उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्र शासित प्रदेशों की नई व्यवस्था से वहां के लोगों को बिना किसी रोकटोक के केंद्र सरकार से सीधे संवाद करने की अनुमति मिलेगी।
अनुच्छेद 370 और 35ए का समर्थन करने के लिए विपक्ष पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि वे केवल राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा कर रहे थे। उन्होंने कहा, “जो लोग इसके पक्ष में बोल रहे हैं, देश पूछ रहा है कि क्या अनुच्छेद 370 इतना महान था, और लोगों के लिए इतना फायदेमंद था, तो आपने इसे स्थायी में क्यों नहीं बदला? अगर इतना कन्विक्शन था तो आप इसे बदल सकते थे।”
मोदी ने कहा, “लाल किले से, मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि हर हिंदुस्तानी आज ‘एक राष्ट्र, एक संविधान’ कह सकता है। सरदार पटेल का एक भारत का सपना साकार हुआ है।”
एक बड़ी घोषणा में, मोदी ने कहा कि सरकार विभिन्न रक्षा पैनलों की एक लंबे समय से लंबित सिफारिश के मद्देनजर एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद बनाएगी।
तीन तलाक को खत्म करने पर, मोदी ने कहा कि इसका उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को लाभ पहुंचाना था। उन्होंने कहा कि देश ने महिलाओं के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें कन्या भ्रूण हत्या और बाल विवाह की बुराई को समाप्त करना भी शामिल है। उन्होंने कहा, “अगर हम इतने कदम उठा सकते हैं तो ट्रिपल तालाक की बुराई के खिलाफ अपनी आवाज क्यों नहीं उठा सकते, ताकि हमारी मुस्लिम बहनों को भी समान सम्मान मिले, जो देश की प्रगति का हिस्सा है। फैसला राजनीति के तराजू से नहीं तौला जाना चाहिए।”
मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़ा है, और दुनिया के सामने आतंकवाद को पनाह देने वालों और आतंकवाद को फलने-पूलने में मदद करने वालों की असलियत सामने ला रहा है।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका आतंकी हमलों के शिकार हुए हैं।
मोदी ने कहा, “इसलिए जब भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहा है, हम विश्व मंच पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं।”
उन्होंने अफगानिस्तान को बधाई दी जो चार दिनों में आजाद के 100 साल का जश्न मनाएगा।
प्रधानमंत्री ने पहली बार भारत में जनसंख्या विस्फोट जैसे मुद्दे को भी छुआ, जो 1.3 अरब है और कहा कि जिनके पास छोटे परिवार हैं, वे भी बतौर देशभक्त अपना योगदान दे रहे हैं।
हर घर में पीने का पानी लाने पर, मोदी ने कहा कि ग्रामीण भारत के कई हिस्सों में महिलाएं पानी लाने के लिए कई घंटों की लंबी दूरी तय करती हैं। उन्होंने 3,59,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ हर घर जल, या हर घर को पीने के पानी के विजन को साकार करने के लिए लिए जल जीवन मिशन की घोषणा की। मोदी ने जनता से जल संरक्षण को उस तरीके से अपनाने के लिए भी कहा जैसे उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान को अपनाया।
प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने पर मोदी ने कहा कि सिंगल-यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है। इस तरह के एक विचार को लागू करने का समय आ गया है। इस दिशा में काम करने के लिए टीमों को जुटना चाहिए। 2 अक्टूबर तक एक महत्वपूर्ण कदम सामने आना चाहिए।
मोदी ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने पर बात की और सुझाव दिया कि दुकानदारों के पास डिजिटल भुगतान के लिए ‘हां’ और नकद भुगतान के लिए ‘ना’ कहने वाला बोर्ड हो सकता है।
उन्होंने एक साथ चुनाव कराने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक कर का सपना’ जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के कार्यान्वयन से प्राप्त हुआ है। हमारे राष्ट्र ने विद्युत क्षेत्र में एक राष्ट्र, एक ग्रिड के मकसद को भी सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। अब आज भारत ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के बारे में बात कर रहा है। इसलिए इस पर एक चर्चा होनी चाहिए।
कृषि पर, उन्होंने सुझाव दिया कि किसानों को खतरनाक रसायन वाले उर्वरकों के उपयोग को कम करना चाहिए।
अर्थव्यवस्था के विषय को छूते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आधुनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी जो अगले पांच वर्षो में भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार को लगभग 5 खरब डॉलर तक दोगुना करने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा, “हम अब और अधिक बदलाव नहीं कर सकते हैं। हमें अब ऊंची छलांग लगानी चाहिए। इस देश के बुनियादी ढांचे को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत है। इसलिए, हमने बुनियादी ढांचे के लिए 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (व्यापार करने में आसानी) संबंधित रैंकिंग में भारत को शीर्ष 50 देशों में शामिल होने के लिए सुधार जारी रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार आज स्थिर है, नीति शासन पूवार्नुमानित है और ‘इस वजह से दुनिया भारत के साथ व्यापार के लिए उत्सुक है।’ मोदी ने कहा, हम कीमतों को नियंत्रण में रखने और विकास को बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं।
गुणवत्ता निर्यात उत्पादों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, यह सोचने का समय आ गया है कि हम निर्यात को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। मोदी ने कहा, “भारत के प्रत्येक जिले के पास देने के लिए बहुत कुछ है। आइए हम स्थानीय उत्पादों को आकर्षक बनाएं। अधिक निर्यात हब बन सकते हैं। हमारा मार्गदर्शक सिद्धांत ‘जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट’ है।”
शासन को सुचारू बनाने पर, उन्होंने कहा, “मैं हमेशा पूछता हूं, क्या हम लोगों के जीवन पर सरकारों के ज्यादा प्रभाव को नहीं हटा सकते? चलिए हमारे लोगों को अपनी स्वयं की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने की स्वतंत्रता देते हैं। चलिए इस संबंध में सही इको-सिस्टम बनाते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले लोग अच्छा मोबाइल फोन होने की आकांक्षा रखते थे, लेकिन अब लोग बेहतर डेटा स्पीड की आकांक्षा रखते हैं। समय बदल रहा है और हमें यह स्वीकार करना होगा।