अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने गुरुवार को कहा कि तालिबान के साथ चल रही शांति प्रक्रिया के बीच में अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव नहीं कराए जाने चाहिए।
करजई ने काबुल में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें कुछ साजिश का संदेह है, क्योंकि चुनाव राष्ट्र के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इस्तेमाल विदेशी प्रभाव के तहत किया जा रहा है, जो इसे कम विश्वसनीय बना रहा है।
उन्होंने कहा, मुझे ज्यादा आशा नहीं दिख रही है..बल्कि मैं इसे अफगानिस्तान के खिलाफ साजिश मानता हूं। चुनाव अफगानिस्तानियों के हाथ में नहीं है, हमारा चुनाव विदेशियों खास तौर से अमेरिका के हाथ में है। जो भी अमेरिका चाहता है, वह हमारे चुनाव के साथ कर सकता है।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज ने करजई के हवाले से कहा, ये हमारे चुनाव नहीं हैं, यह हमारा होगा, जब कोई रक्तपात नहीं होगा और हमारी मजबूत सरकार होगी, जिसका इस जमीन पर पूरा नियंत्रण होगा।
अफगानिस्तान में अगले राष्ट्रपति चुनाव 28 सितंबर को निर्धारित हैं। इसमें 18 उम्मीदवार हैं। इसमें मौजूदा राष्ट्रपति अशरफ गनी व उनके मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला भी मैदान में है। इन चुनावों में 90 लाख लोग मतदान के लिए योग्य हैं।