अमेरिका में 2 साल के अंदर ई-सिगरेट पीने वाले बच्चों की संख्या दोगुनी हुई


अगर आपको स्मोकिंग की लत है और आप सोचते हैं इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पीने से आपको नुकसान नहीं होगा और सिगरेट की लत छूट जाएगी तो आप गलत हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मानें तो ई-सिगरेट से होने वाला नुकसान, सामान्य सिगरेट जितना ही खतरनाक है। ई-सिगरेट से होने वाला नुकसान कम है, यह तंबाकू कंपनियों के प्रचार की एक रणनीति है। डब्ल्यूएचओ ने 2019 वैश्विक तंबाकू महामारी रिपोर्ट में बताया कि सिगरेट पीने वाले पूरी तरह से निकोटिन छोड़ देंगे, तभी उन्हें लाभ मिलेगा।

अमेरिका में सात की मौत
07 लोगों की मौत हो चुकी है अमेरिका में ई-सिगरेट के प्रभाव से
77.8% की दर से वहां स्कूली छात्रों में इसकी लत बढ़ रही है
48.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों में
03 करोड़ लोग अमेरिका में इसके आदी हो चुके हैं

बड़ा कारोबार
89.6 हजार करोड़ का बाजार है ई सिगरेट का
22 देश ई सिगरेट को कर चुके हैं प्रतिबंधित
1.3 अरब उपभोक्ताओं के संभावित बाजार पर पड़ेगा असर फैसले से
460 ई-सिगरेट के ब्रांड थे जुलाई 2019 तक देश में
7 हजार से ज्यादा फ्लेवर भी मौजूर थे भारत में

सरकार ने इसलिए लिया फैसला
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एम्स, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, राजीव गाँधी कैंसर अस्पताल और कई अन्य संगठनों की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने यह निर्णय लिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने मई में इसपर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। इसमें तमाम दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी गई। यह भी बताया ई-सिगरेट को लेकर युवाओं में भ्रम है कि इसका दुष्प्रभाव नहीं होता है।

भारत में निर्माण नहीं
ई-सिगरेट को इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलेवरी सिस्टम्स (ईएनडीएस) कहा जाता है। अभी भारत में इसका विनिर्माण नहीं होता है। भारत की बड़ी सिगरेट कंपनियां भी आयात कर इसकी बिक्री कर रही हैं।

पारंपरिक पर असर नहीं:::
पारंपरिक तम्बाकू उत्पादों पर इसका असर नहीं पड़ेगा
भारत दूसरा सबसे बड़ा तम्बाकू उपभोक्ता और तीसरा उत्पादक है
9 लाख लोग हर साल तम्बाकू उत्पादों के सेवन से जान गंवाते हैं
27.5 करोड़ लोग तंबाकू खाते हैं
4.57 करोड़ लोगों की आजीविका तम्बाकू क्षेत्र पर निर्भर

ई सिगरेट के दुष्परिणाम
व्यक्ति के डीएनए को क्षतिग्रस्त कर सकता है।
सांस, हृदय और फेफड़े से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।
महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण के विकास में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।
तंबाकू उत्पादों के सेवन के लत भी लग सकती है।
(आईसीएमआर के मुताबिक)

अन्य नुकसान
डिप्रेशन होने की संभावना दोगुनी हो जाती है।
हार्ट अटैक का खतरा 56% तक बढ़ जाता है।
खून थक्का हो सकता है।
(यूनिवर्सिटी ऑफ कंस का शोध)

22 देशों में प्रतिबंध
अमेरिका के कुछ राज्यों समेत 22 देशों में ई सिगरेट पर प्रतिबंध है। ब्राजील, सिंगापुर, शिशेल्स, ऊरूग्वे, फिनलैंड में भी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध है। जापान में ई-सिगरेट को गैरकानूनी घोषित किया गया है। ब्रिटेन में आंशिक प्रतिबंध है। अर्मेनिया, बोसनिया हर्जिगोवेनिया में इसकी बिक्री नियमित नहीं है।

बहकावे की वजह
युवा वर्ग इसे ‘कूल’ मानता है और इसलिए इसकी जद में जल्दी आ जाता है। आरंभ में इसका प्रचार यह कहकर किया जाता था कि यह सिगरेट की आदत छोड़ने में मदद करता है, लेकिन यह देखा गया है कि लोग सिगरेट के साथ ही ई-सिगरेट भी पीते हैं।

क्या है ई-सिगरेट :
ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी-चालित डिवाइस होती है, जो तम्बाकू या गैर-तम्बाकू पदार्थों की भाप को सांस के साथ भीतर ले जाती है। यह तम्बाकू जैसा स्वाद और एहसास देती है, जबकि वास्तव में इसमें कोई धुआं नहीं होता है। ई-सिगरेट एक ट्यूब के आकार में होती है, और इनका बाहरी रूप सिगरेट और सिगार जैसा ही बनाया जाता है।

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