इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने देश के कोरोनोवायरस हॉटस्पॉटों में इस महामारी के लक्षण वाले व्यक्तियों के एंटीबॉडी परीक्षण करने के लिए एक दिशानिर्देश जारी किया है।
‘रैपिड एंटीबॉडी परीक्षण’ वायरल मामलों का तेजी से पता लगा सकता है और नतीजे आने मे आम तौर पर लगभग 15-30 मिनट लगते हैं।इस परीक्षण को यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग्स एसोसिएशन ने स्वीकृत किया है और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने मान्यता दी है।
वहीं ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने विपणन के लिए अपनी स्वीकृति दी है।दिशानिर्देशों के अनुसार, जिला स्वास्थ्य अधिकारी खांसी, सर्दी, कम बुखार या गले में खराश के लक्षणों वाले लोगों की निगरानी करेंगे और उनमें से प्रत्येक को 14 दिन के एकांतवास में रखेंगे।
दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि एंटीबॉडी परीक्षण पॉजिटिव आता है, तो रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए।
फिर क्लीनिकल जांच के बाद रोगी का अस्पताल में इला हो या फिर आइसोलेशन में रखा जाए। प्रोटोकॉल के अनुसार रोगी के संपर्क में आए लोगों की तलाश भी की जाएगी।