‘आजादी मार्च’ की योजना में कोई बदलाव नहीं : फजल


जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने ‘आजादी मार्च’ के कार्यक्रम में कोई भी बदलाव करने से इनकार किया है। मौलाना फजल ने कहा कि उन्हें सरकार के साथ बातचीत को लेकर ज्यादा कोई उम्मीद नहीं है।

पाकिस्तान के तीन अन्य प्रांतों के बीच जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम रविवार को (कल) कराची से ‘आजादी मार्च’ करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सिंध प्रांत की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार इस बाबत जेयूआई-एफ का समर्थन कर रही है।

डॉन न्यूज के मुताबिक, शुक्रवार को मौलाना ने कहा कि उनकी पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्यों और प्रांतीय नेताओं के घरों पर देश भर में छापे मारी की जा रही है।

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम प्रमुख ने कहा, “यदि बैरिकेड्स और अन्य बधाओं के साथ हमारे मार्ग पर बाधाएं उत्पन्न करने का प्रयास किया गया, तो इससे टक्कराव की स्थिति पैदा हो सकती है। चाहे एक महीने के लिए ही राष्ट्रीय राजमार्गो को बंद क्यों ना कर दिया जाए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम इस्लामाबाद जाएंगे।”

जेयूआई-एफ के वरिष्ठ नेता मार्च को लेकर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। बड़े पैमाने पर बसों और अन्य वाहनों को शामिल किया जा रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि बसों की संख्या पहले ही 400 के पार हो गई है।

मौलाना फजल ने सरकार पर ट्रांसपोर्टरों, छोटे दुकानदारों और पेट्रोल पंप मालिकों को परेशान करने का आरोप लगाया है।

कश्मीर मुद्दे पर बात करते हुए मौलाना ने कहा कि जहां एक ओर सीमा पर विवाद की स्थिति बनी हुई है, वहीं सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, “यह दोहरी नीति दुखी करने वाली है। सरकार ने थारपारकर सीमा को क्यों नहीं खोला।”

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