शोध में यह खुलासा हुआ है कि आधी से अधिक यूरोपीय महिलाओं, खास कर वे महिलाएं जो अपनी उम्र के 40वें पड़ाव में हैं, उन्हें अपने एचआईवी (HIV) से संक्रमित होने के बारे में तब पता चलता है जब उनका इम्यून सिस्टम (Immune System) काफी कमजोर हो जाता है. इसके साथ ही शोध में यह भी बताया गया कि वे युवा महिलाओं की तुलना में तीन से चौगुना अधिक देर से इसकी पहचान कर पाती हैं.
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) के 2018 के आंकड़ों और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के यूरोप स्थित रिजनल ऑफिस के अनुसार, इस क्षेत्र में 1,41, 000 महिलाओं में एक तिहाई महिलाएं नई एचआईवी पीड़ित हैं. इससे यह पता चलता है कि इन्हें यूरोप द्वारा इस बीमारी के रोकथाम और परीक्षण प्रयासों में और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक पिरोस्का ओस्टलिन ने कहा, ‘महिलाओं में इसकी देर से पहचान होना यह इशारा करता है कि लिंग-संवेदनशील काउंसलिंग और परीक्षण, यौन स्वास्थ्य संबंधित जानकारी इस आबादी तक नहीं पहुंच रही है. अब वक्त आ चुका है कि यौन स्वास्थ्य को लेकर चुप्पी तोड़ी जाए. खासकर तब, जब बात एचआईवी की आती है, और यह सुनिश्चित करना जरूर है कि महिलाओं को इसके बारे में अच्छी तरह से पता हो और वे खुद को सुरक्षित रख सकें.’
2018 में 30-49 के बीच की आयु वर्ग की महिलाओं में दो तिहाई महिलाओं (करीब 60 प्रतिशत) को एचआईवी से संक्रमित होने के बारे में काफी देर से पता चला. इस क्षेत्र में संक्रमण को फैलाने में हेटेरोसेक्सुल सेक्स (92 प्रतिशत जिम्मेदार) सबसे ज्यादा जिम्मेदार रहा है.