इंटरनेट युग में क्यों पीछे रहें डिजिटल भारत की बेटियां ?

अप्रैल से सीवान जिला में ग्रामीण महिलाओं को इंटरनेट सर्फिंग सिखाएंगी इंटरनेट दीदियां

सीवान (बिहार)। डिजिटल भारत का सपना तब तक साकार नहीं हो सकता, जब तक गांव की महिलाएं भी तकनीक से न जुड़ जाएं। इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए गूगल और टाटा ने एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम इंटरनेट-साथी के तहत ग्रामीण महिलाओं को भी डिजिटल टूल से लैस करने जा रही है। जिसे गांव-गांव तक पहुंचाने का जिम्मा डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन (डीईएफ) का है।

डीईएफ “इंटरनेट साथी” प्रोग्राम के तहत अब तक बिहार और मध्यप्रदेश के करीब 15 हजार गांवों में 20 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुका है। और इंटरनेट साथी फेज -3 के तहत सिवान जिला के कई गांवों को भी चयनित किया गया है। इस जिला के सभी प्रखंडों में 26 मार्च से 31 मार्च 2019 तक कुछ चयनित महिलाओं को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी और साथ ही उन्हें दो सेट एंड्रायड मोबाइल व छाता, बैग आदी नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।

दो दिवसीय ट्रेनिंग के बाद ये सभी महिलाएं “इंटरनेट साथी” (इंटरनेट दीदी)  के नाम से जानी जाएंगी, जो गांव की अन्य महिलाओं को भी मोबाइल पर इंटरनेट की ट्रेनिंग देंगी, ताकि उऩ्हें भी डिजिटल मिशन से जोड़ा जा सके। इस अभियान के तहत हर इंटरनेट साथी को निर्धारित 4 गांव में सात सौ महिलाओं को प्रशिक्षित करना होगा।

सीवान, बिहार से राकेश की रिपोर्ट.

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