पाकिस्तान ने अपने ‘संयुक्त राष्ट्र कश्मीर मिशन’ को लेकर खुद अपनी पीठ ठोंकी है। उसका मानना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र कश्मीर मिशन को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किए गए थे, उन सभी को हासिल कर लिया गया है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की विशेष सहायक फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि ‘प्रभावी कूटनीति के कारण प्रधानमंत्री खान का संयुक्त राष्ट्र का मिशन कश्मीर सफल रहा है।’
अवान ने मंगलवार को संघीय कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने अमेरिका यात्रा के दौरान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में दुनिया के नेताओं, थिंक टैंक और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से करीब सत्तर बार संवाद किया। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी करीब पचास बैठकें कीं।
उन्होंने कहा कि ‘इन सभी 120 बैठकों का एजेंडा कश्मीर में भारतीय जुल्म का पर्दाफाश करना था। कितने ही नेता इन बैठकों के जरिए ही कश्मीर के लगातार बुरे हो रहे हालात से परिचित हुए और उन्होंने इस मामले में पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया।’
अवान ने ‘संयुक्त राष्ट्र कश्मीर मिशन’ पर इतनी ही बात कही। उनकी बात से साफ हुआ कि पाकिस्तान का लक्ष्य नेताओं व संस्थाओं से मुलाकात कर उनके सामने अपनी बात रखना मात्र ही था। अन्यथा, संयुक्त राष्ट्र महासभा में निर्धारित समय के बाद भी, लाल बत्ती के लगातार जलते रहने के बाद भी इमरान का संबोधन अभी भी चर्चा में बना हुआ है। साथ ही उनके भाषण में युद्ध व परमाणु युद्ध की धमकियों को भी एक राजनेता के स्तर के भाषण के अनुरूप नहीं पाया गया है।