इमरान ने पीडीएम रैलियों को अनुमति न देने की बात दोहराई

पाकिस्तान में कोविड-19 महामारी की चल रही दूसरी लहर के मद्देनजर प्रधानमंत्री इमरान खान ने दोहराया है कि उनकी सरकार पीडीएम विपक्षी गठबंधन को अब सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी।

डॉन न्यूज ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास पर अपने प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए खान के हवाले से कहा, कोरोनावायरस खतरनाक रूप से फैल रहा है, इसलिए विपक्ष को पीडीएम की सार्वजनिक बैठकें स्थगित कर देनी चाहिए।

प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए, बैठक के एक प्रतिभागी ने कहा, सरकार मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को सख्ती से लागू करेगी और विपक्ष को रैलियों को आयोजित करने की अनुमति नहीं देगी, क्योंकि स्वास्थ्य दिशानिर्देशों ने बड़े समारोहों की अनुमति नहीं दी थी।

पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) देश के 11 विपक्षी दलों का गठबंधन है, जिसने ने अब तक गुजरांवाला (16 अक्टूबर), कराची (19 अक्टूबर), क्वेटा (25 अक्टूबर) और पेशावर (22 नवंबर) में चार सरकारी विरोधी प्रदर्शन किए हैं। वहीं दो प्रदर्शन मुल्तान और लाहौर में क्रमश: 30 नवंबर और 13 दिसंबर को होने वाले हैं।

वहीं पीडीएम की पांचवीं सार्वजनिक रैली को रोकने के प्रयास में मुल्तान पुलिस और जिला प्रशासन के पास कार्यक्रम स्थल के आसपास 30 कंटेनर उपलब्ध हैं और शहर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए और अधिक लाए जा रहे हैं।

डॉन न्यूज ने अपने रिपोर्ट में बताया कि पुलिस सूत्रों के अनुसार, पीडीएम के घटक दलों के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है और अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने शुक्रवार को ट्वीट किया, फासीवादी शासन मुल्तान में डेमोक्रेटिक कार्यकर्ताओं को लगातार गिरफ्तार कर रहा है। ये कठपुतलियां जियालों से डरती हैं। कोशिश करें कि वे 30 नवंबर को पीडीपी नेताओं के साथ हमारे स्थापना दिवस को पीपीपी के रूप में चिह्न्ति करने से न रोक सकें।

वहीं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पंजाब के अध्यक्ष राणा सनाउल्लाह ने घोषणा की कि मुल्तान रैली हर कीमत पर आयोजित की जाएगी।

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