पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भारत के विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक की निंदा की।
विधेयक के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत पहुंचे हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों की नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।
इमरान ने ट्विटर के माध्यम से कहा, “अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय समझौतों के सभी मानदंडों का उल्लंघन करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक का भारतीय लोकसभा में पास किए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं।”
उन्होंने कहा, “यह फासीवादी मोदी सरकार द्वारा प्रचारित आरएसएस के ‘हिंदू राष्ट्र’ की डिजाइन का हिस्सा है।”
इमरान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब विधेयक भारतीय लोकसभा में पहले ही मत विभाजन के माध्यम से पास हो चुका है। एक दिन पहले सोमवार को अपराह्न् चार बजे से विधेयक पर चर्चा शुरू हुई और सोमवार देर रात 12.06 बजे तक लंबी बहस के बाद इस विधेयक के पक्ष में 311 वोट पड़े और इसके विरोध में 80 वोट पड़े।
विधेयक को अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। संसद के दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के चलते प्रताड़ित होकर भारत पहुंचे गैर-इस्लामी लोगों की नागरिकता का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।