एनबीसीसी ने जेपी परियोजनाओं पर संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया


नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (एनबीसीसी) ने गुरुवार को जेपी इंफ्राटेक की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बाद में यह प्रस्ताव वापस एनबीसीसी के वकील को सौंप दिया गया। घर खरीदारों के वकील ने शीर्ष अदालत से उनके साथ एनबीसीसी प्रस्ताव की एक प्रति साझा करने का आग्रह किया।

इस बीच, जेपी ग्रुप ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसने उसकी मूल कंपनी जेपी एसोसिएट्स को जेपी इंफ्राटेक (जेआईएल) के लिए बोली लगाने से रोक दिया है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 22 अक्टूबर को जेपी ग्रुप की याचिका पर सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दो अगस्त को एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ जेपी ग्रुप की याचिका पर दो सप्ताह की यथास्थिति का आदेश दिया था, जिसमें बताया गया था कि संसद ने दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के प्रस्तावित संशोधनों को पारित कर दिया है।

30 जुलाई को एनसीएलएटी ने जेआईएल की रिजोल्यूशन प्रक्रिया को 90 दिनों तक बढ़ा दिया था, जिससे दिवालिया रियल्टी कंपनी के लिए नई बोली प्रस्तुत करने की अनुमति मिल गई।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि लेनदारों की समिति (सीओसी) द्वारा एक रिजोल्यूशन प्लान की बोली लगाने और अनुमोदन की प्रक्रिया 45 दिनों में समाप्त होनी चाहिए।

आईबीसी के तहत किसी कंपनी की रिजोल्यूशन प्रक्रिया को 270 दिनों के अंदर समाप्त करना अनिवार्य है। इसमें विफल होने पर कंपनी को परिसमापन के लिए जाना पड़ता है। जेपी इंफ्राटेक के लिए 270 दिन की समयसीमा छह मई को समाप्त हो चुकी है।

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