एफएटीएफ, आईएमएफ राहत के लिए अमेरिका से हस्तक्षेप का आग्रह कर सकता है पाकिस्तान


पाकिस्तान, वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की कड़ी शर्तों से राहत के लिए अमेरिका के हस्तक्षेप की मांग कर सकता है। यह दोनों ही संस्थाएं निर्धारित शर्तों के मद्देनजर पाकिस्तान की स्थिति की समीक्षा करेंगे और इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि पाकिस्तान को आर्थिक राहत देनी है या नहीं। पाकिस्तान के मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने इस बात की जानकारी दी है।

पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने का खतरा
अक्टूबर महीने में पाकिस्तान के भाग्य को लेकर बड़ा फैसला होना है। एफएटीएफ की आखिरी बैठक अक्टूबर में पेरिस में आयोजित की जाएगी, जहां यह तय किया जाएगा कि पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखना है या उसे ब्लैकलिस्ट किया जाना है। द न्यूज़ इंटरनेशनल को मंत्रिमंडल के सदस्य ने ये बातें बताईं।उन्होंने कहा, ‘एफएटीएफ अगले महीने अक्टूबर में पेरिस में आयोजित होने जा रहा है, जहां वह पाकिस्तान के भाग्य का फैसला करेगा। इसी महीने, आईएमएफ 6 अरब डॉलर के दिए गए कर्ज के तहत पाकिस्तान के उत्पादन की पहली तिमाही की समीक्षा भी शुरू करेगा।’

IMF से मिले कर्ज से परेशान पाकिस्तान
पाकिस्तान के एक आर्थिक मंत्री ने द न्यूज इंटरनेशनल को बताया कि पाकिस्तान ने बिना बातचीत के आइएमएफ की मुश्किल शर्तों पर कर्ज तो लिया है लेकिन इस वजह से पाकिस्तान के आर्थिक प्रबंधकों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री असद उमर के पद से हटाने के बाद आईएमएफ ने पाकिस्तान की नई आर्थिक टीम से कहा कि या तो बिना वार्ता सबसे कठिन परिस्थितियों में कर्ज लें या इसे छोड़ दें।

FATF के सामने APG पेश करेगा रिपोर्ट
पाकिस्तान ने पिछले महीने टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ 27-सूत्रीय कार्ययोजना पर एशिया पैसिफिक के संयुक्त समूह(APG) के साथ बैंकॉक में अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है।पाकिस्तान ने APG द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब दिया। अब समूह(APG) अक्टूबर में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।आईएमएफ के सबसे कठिन कार्यक्रम के मद्देनजर, सरकार ने 30 जून, 2019 को समाप्त पिछले वित्त वर्ष में बजट घाटे में 8.9 प्रतिशत का भारी उछाल देखा है।

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