संयुक्त राष्ट्र। कश्मीर के हालिया घटनाक्रम को लेकर चीन के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की शुक्रवार को एक बैठक होगी, जिसमें इस मसले पर परिषद के सदस्यों के बीच (क्लोज्ड डोर) में मंत्रणा करेगी। न्यूयार्क के स्थानीय समय के हिसाब से सुबह 10 बजे बैठक होगी। जबकि भारतीय समयानुसार बैठक का समय शाम साढ़े सात बजे है. यह जानकारी गुरुवार को सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने दी। राजनयिक ने कहा कि चीन ने एक पत्र में बैठक बुलाने का आग्रह किया। चीन ने बुधवार को परिषद की अनौपचारिक परामर्श के दौरान इस संबंध में आग्रह किया। राजनयिक ने बताया कि बैठक का प्रारूप क्लोज्ड-डोर कंसल्टेशन (समूह के सदस्यों के बीच मंत्रणा) होगा जिसमें, पाकिस्तान का शामिल होना नामुमकिन है।
बंद कमरे की बैठक में गुप्त मंत्रणा की जाएगी, जिसका प्रसारण नहीं किया जाएगा. मतलब, संवाददाताओं की उसमें पहुंच नहीं होगी. राजनयिक ने बताया कि चीन चाहता था कि गुरुवार को ही इस मसले पर विचार-विमर्श हो, लेकिन पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, इस दिन कोई बैठक नहीं होने वाली थी इसलिए बैठक शुक्रवार को होगी। राजनयिक ने कहा कि सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष जोआना रोनेका का कार्यालय बैठक को लेकर काम कर रहा था कि कब बैठक का आयोजन किया जाए। दरअसल, पाकिस्तान ने UNSC प्रेसीडेंट को 13 अगस्त को एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें तनाव बढ़ने से रोकने के लिए अर्जेंट बैठक की मांग की थी। चीन ने पाकिस्तान का साथ देते हुए अनौपचारिक बैठक की मांग की। आपसी सलाह के लिए बुलाई गई इस अनौपचारिक बैठक में UNSC के सभी स्थायी (5) और अस्थायी (10) सदस्य हिस्सा लेंगे।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में भले ही भारत पहले ही चीन को साफ शब्दों में समझा चुका हो कि यह भारत का अंदरूनी मामला है लेकिन चीन है कि पाक से दोस्ती निभाने में लगा है। इसके चलते चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए की गई मांग पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज आपात बैठक बुलाई है। यह बैठक बंद कमरे में होगी। सुरक्षा परिषद के मौजूदा अध्यक्ष पोलैंड ने इस मुद्दे को चर्चा के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध कर दिया गया है।
बता दें कि चीन दौरे पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने पहले ही चीनी विदेश मंत्री को साफ कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाना भारत का अंदरूनी मामला है और इससे पाक या चीन की सीमा पर असर नहीं पड़ेगा। इसके बावजूद चीन ने पाकिस्तान की मांग का समर्थन करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की। इससे पहले पाकिस्तान ने कश्मीर मसले पर खुले में वार्ता के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग थी, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ठुकरा दिया था।
दरअसल, अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधानों के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर नई दिल्ली के इस रुख का समर्थन किया था कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है। अमेरिका ने भी कहा था कि कश्मीर के संबंध में हालिया घटनाक्रम भारत का आंतरिक मसला है। बुधवार को सीरिया और मध्य अफ्रीका के संबंध में विचार-विमर्श था, लेकिन चीन ने परिषद को पत्र लिखकर पाकिस्तान का मसला लाने का आग्रह किया।