भारत का वाहन उद्योग हाल के कॉर्पोरेट कर कटौती के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक होगा। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने सोमवार को यह बात कही। आईसीआरए की उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख पावेथ्रा पोन्निया ने एक बयान में कहा, “वर्तमान की कमजोर मांग की स्थितियों में, ओईएम्स (ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चर्स) द्वारा कर संशोधन के कुछ लाभों को अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाने की उम्मीद है।”
उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह है कि आनेवाले महीनों में मूल्य में सुधार से मांग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही सरकार द्वारा स्पष्ट करने से कि आगे जीएसटी और सेस में कोई संसोधन नहीं किया जाएगा, उन उपभोक्ताओं द्वारा अपने कार खरीदने के फैसले में स्पष्टता आएगी, जो इस संबंध में स्पष्टता का इंतजार कर रहे थे।”
आईसीआरए के मुताबिक, कॉर्पोरेट कर में की गई वर्तमान कटौती से भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो गया है, जिससे ओईएम और उनके वेंडरों को स्थानीय स्तर पर काम बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे उद्योग विकसित करेगा।
2019-20 में भारत में 17.6 अरब डॉलर मूल्य के ऑटो कंपोनेंट का आयात किया है।
आईसीआरए ने कहा कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध के बीच कॉर्पोरेट कर में संशोधन से भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि अब संशोधित कर ढांचा अन्य उभरते हुए बाजारों की तरह ही हो गया है।