किसानों की दुर्दशा देख मेडिकल कैम्प लगाने को मजबूर हुए गुरुग्राम के सर्जन

केंद्र द्वारा पारित तीन किसान कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा।

गुरुग्राम के दो चिकित्सक किसानों की दुर्दशा को देखकर इस कदर प्रभावित हुए कि वे खुद सिंघु बॉर्डर पर आ गए। डॉ. सारिका वर्मा और डॉ. करण जुनेजा गुरुग्राम के दो सर्जन हैं, जिन्होंने किसानों को सभी तरह की सहायता पहुंचाने के लिए दो मेडिकल कैम्प लगाए हैं, जहां दवाई से लेकर उपचार तक की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

ये दोनों चिकित्सक प्रदर्शकारी किसानों के बीच मास्क का भी वितरण कर रहे हैं और उनसे सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन करने की अपील कर रहे हैं।

आईएएनएस संग बात करते हुए डॉ. सारिका वर्मा ने कहा, हम यहां सुबह से हैं और अब तक बीस से अधिक मरीजों की ड्रेसिंग और 400 मरीजों की जांच कर चुके हैं। हम किसानों की हालत देखकर इस कदर हैरान और परेशान हुए कि हमने यहां मुफ्त में चिकित्सा शिविर लगाने का फैसला किया।

डॉ. जुनेजा ने केंद्र से सभी किसानों के लिए कोविड टेस्ट की व्यवस्था कराए जाने की अपील की है। उन्होंने कहा, हमें यहां कोविड टेस्ट की व्यवस्था करनी चाहिए। अगर यहां संक्रमण के फैलने की संभावना है, तो यह बीमारी कई और लोगों तक फैलेगी, जो काफी घातक होगा।

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