किसानों को जेल में नहीं डालना चाहिए, उन्हे दिल्ली आने दो : सत्येंद्र जैन

दिल्ली सरकार में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे ने सत्येंद्र जैन ने शनिवार को एक बार फिर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए इस आंदोलन को न रोके जाने की बात कही है। इससे पहले सत्येंद्र जैन ने पुलिस की उस अपील को ठुकरा दिया था, जिसमें दिल्ली के स्टेडियमों को किसानों के लिए अस्थाई जेल बनाने की मांग की गई थी।

किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, किसानों का यह शांतिपूर्वक आंदोलन है और इसे नहीं रोकना चाहिए। किसानों की जायज मांगे हैं और यह उनके हक की लड़ाई है। केंद्र सरकार को इस आवाज को सुनना चाहिए। अगर वह दिल्ली आना चाहते हैं, तो उनको दिल्ली आने देना चाहिए।

वहीं दिल्ली के 9 स्टेडियमों को किसानों की अस्थायी जेल बनाने के दिल्ली पुलिस के आवेदन पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, पुलिस का प्रपोजल 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाने का था जिसको हमारी दिल्ली सरकार ने मना कर दिया। हमने कहा कि जब कोई शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखना चाहता है तो उसे जेल में नहीं डालना चाहिए।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि, किसान हमारे देश के अन्नदाता हैं, यही लोग हमारे लिए सब्जी उगाते हैं, अनाज पैदा करते हैं, उनको आने से नहीं रोका जाना चाहिए। दिल्ली सरकार द्वारा किसानों को दिए गए समर्थन के तहत ही आम आदमी पार्टी के कई विधायक बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में किसानों के लिए खाने-पीने, सोने, पेयजल, साफ-सफाई, टॉयलेट आदि की व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार किसानों का स्वागत कर रही है, जबकि केंद्र सरकार किसानों को रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए जो भी सुविधा मुहैया करानी होगी, हम वो सब करेंगे। मंत्री ने कहा कि हम किसानों के लिए बिजली, पानी, खाने-पीने, उनके रहने एवं शौचालय की सुविधा में कोई कमी नहीं आने देंगे।

वहीं दिल्ली सरकार के एक और मंत्री कैलाश गहलोत ने जानकारी देते हुए कहा, डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिये गये हैं कि संत निरंकरी ग्राउंड में रहने,पानी, मोबाइल टॉयलेट एवं साफ सफाई की व्यवस्था के इंतजाम किए जाएं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हमारी कोशिश रहेगी कि दिल्ली में पहुंचे सभी किसानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो।

इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायक एवं अन्य नेता, किसानों के लिए व्यवस्था करने में जुटे थे। हालांकि अब सीधे दिल्ली सरकार की ओर से प्रशासनिक अधिकारियों को किसानों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।

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