केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने पटना एम्स का किया निरीक्षण


केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को पटना एम्स का सघन निरीक्षण किया और अधिकारियों को कई निर्देश दिए. मंत्री ने एम्स की वर्तमान व्यवस्था के निरीक्षण के साथ ही नई सुविधाओं की बहाली, राष्ट्रीय आरोग्य निधि के तहत प्रत्येक एम्स को 10-10 लाख रुपये उपलब्ध कराने, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों के इलाज को प्राथमिकता देने, एम्स परिसर में खाली जमीनों पर सघन पौधरोपण करने सहित कई निर्देश दिए.

चौबे ने निरीक्षण के दौरान कुछ मरीजों से मुलाकात कर उनका हाल जाना तथा उनके त्वरित निदान का निर्देश निदेशक और चिकित्सकों को दिए. विभिन्न वार्डो और विभागों के निरीक्षण के दौरान चौबे सैकड़ों मरीजों से व्यक्तिगत तौर पर मिले. इस दौरान चिकित्सकों, नर्सों, मेडिकल व नर्सिंग के छात्र-छात्राओं और अन्य कर्मचारियों से भी मुलाकात कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली. आयुष्मान भारत योजना में दो रोगों- आईईएम और जीबीएस को शामिल कराया गया.

मरीजों से मिलने के दौरान कुछ बच्चों के गरीब माता-पिता ने शिकायत की कि आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उन्हें उनका पूरा लाभ नहीं मिल रहा है. चौबे ने जब चिकित्सकों से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा तो बताया गया कि आईईएम (इनबोर्न एरर ऑफ मेटाबॉलिज्म) और जीआरबी (गुइलियन बार्ब सिंड्रोम) जैसे दो रोग आयुष्मान भारत के रोगों की सूची में शामिल नहीं है, जिस कारण ये सुविधा नहीं मिल रही है. निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने एम्स के निदेशक को खाली पड़ी जमीनों पर सघन पौधारोपण करने का निर्देश दिया.

निरीक्षण के बाद मंत्री ने कहा कि पटना एम्स के सभी विभागों और वार्डो का काम संतोषजनक है. लेकिन अभी भी इसमें बहुत सुधार की गुंजाइश है. एम्स का गठन आम लोगों को सस्ते और अच्छे इलाज के लिए हुआ है. उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना लागू कर गरीबों के लिए एक बहुत बड़ा काम किया है. लेकिन आयुष्मान भारत योजना के साथ लापरवाही हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. पटना एम्स में इस पर और ध्यान देने की जरूरत है.

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