केरल की कोनी विधानसभा सीट पर एक कठिन लड़ाई देखने को मिलेगी, जहां तीन राजनीतिक दल शीर्ष स्थान पाने की होड़ में हैं। यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के दिग्गज नेता अदूर प्रकाश का गढ़ माना जाता है। वह 1996 से इस सीट पर बने हुए हैं। अदूर पिछले आम चुनाव में अत्तिंगल लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने जा चुके हैं, जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। अब उनकी अनुपस्थिति में होने वाले उप-चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिलेगा।
प्रकाश की जगह कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेता पी. मोहनराज को लिया गया है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने स्थानीय चेहरे के तौर पर युवा नेता के.यू. जेनेश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने सबसे लोकप्रिय चेहरे के. सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है। सुरेंद्रन ने पठानमथिट्टा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। वह हालांकि इस चुनाव में माकपा के उम्मीदवार के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे। मगर उन्होंने वोट शेयर में भारी बढ़त बनाई और 2014 के लोकसभा चुनावों में उनकी पार्टी के उम्मीदवार को मिले वोटों को दोगुना कर दिया।
कांग्रेस के पी. मोहनराज के सामने कड़ी चुनौती है, क्योंकि पार्टी ने प्रकाश के सहयोगी रॉबिन पीटर को सीट से मैदान में उतारने की सिफारिश को नजरअंदाज कर दिया था।
माकपा के राज्य सचिव कोडियरी बालाकृष्णन कोनी में अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान इस सीट का परि²श्य बदल चुका है। उन्होंने इस क्षेत्र से वाम दलों को बढ़त मिलने का दावा किया है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के सुरेंद्रन भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। उनका व पार्टी का मानना है कि सबरीमला मंदिर का मुद्दा उन्हें फायदा पहुंचा सकता है।