कोरोनावायरस के प्रभावी इलाज का दावा गलत : आयुष मंत्रालय


नोवेल कोरोनावायरस के संबंध में आयुष मंत्रालय ने मंगलवार को एक स्पष्टीकरण जारी किया। इससे पहले मंत्रालय ने कोरोनावायरस को लेकर 29 जनवरी, 2020 को दो परामर्श (एडवाइजरी) जारी किया था। मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी वायरल बीमारियों के संदर्भ में सामान्य सुरक्षात्मक उपायों पर आधारित है।

ये उपाय चिकित्सा पद्धति के उन सिद्धातों पर आधारित हैं, जिसमें वायरल बीमारियों के तहत श्वसन संबंधी समस्या स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है। आयुष मंत्रालय का कहना है कि उनके परामर्श कोरोना वायरस के प्रभावी इलाज का न तो दावा करते हैं और न ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किसी विशिष्ट दवा का सुझाव देते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता उपाय और कुछ हर्बल दवाएं स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकती हैं, जैसा कि परामर्श में बताया गया है। यह भी सलाह दी जाती है कि इन दवाओं का उपयोग संबंधित चिकित्सा प्रणाली के पंजीकृत चिकित्सकों के परामर्श से ही किया जाना चाहिए।

आयुष मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस संबंध में यह तथ्य संज्ञान में आया है कि मीडिया तथा चिकित्सा संगठनों में कुछ ऐसी रिपोर्टे आई हैं, जो स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणालियों की छवि को धूमिल करती हैं और इन चिकित्सा प्रणालियों के प्रति लोगों में अविश्वास फैलाती हैं। अभी इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। ऐसी स्थिति में कही से भी कोई सहायता मिलती हैं तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए। आयुष परामर्श के प्रयास को सही नजरिए से देखा जाना चाहिए।आयुष मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, साबुन और पानी से अपने हाथों को कम से कम 20 सेकेंड तक धोने की सलाह दी है।

इसके अलावा आयुर्वेदिक उपाय में कहा गया है कि शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उड़िच्या और नागर) प्रसंस्कृत पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डालकर उबालें, जब तक यह आधा तक कम न हो जाए) पी लें। इसे एक बोतल में स्टोर करें और प्यास लगने पर पीएं। आगे सलाह दी गई है कि बिना धोए हाथों से अपनी आंखें, नाक और मुंह को छूने से बचें। जो लोग बीमार हैं, उनसे निकट संपर्क से बचें। बीमार होने पर घर पर रहें। खांसी या छींक के दौरान अपना चेहरा ढक लें और खांसने या छींकने के बाद अपने हाथों को धो लें। छुई गई वस्तुओं और सतहों को अक्सर साफ करते रहें।

संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एन95 मास्क का उपयोग करें। आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा यदि आपको कोरोनावायरल संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें और तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें। मंत्रालय ने आयुर्वेद और यूनानी दवा के अनुसार रोगनिरोधी उपाय/ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ड्रग्स भी सुझाई हैं। इसके तहत अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम, दिन में दो बार गर्म पानी के साथ। शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार। त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां एक लीटर पानी में उबालें, जब पानी जलकर थोड़ा रह जाए, तब इसे एक बोतल में रख लें। इसे जरूरत के हिसाब से घूंट-घूंट पीते रहें।

प्रतिमार्स नास्य : दोनों नथुनों में प्रतिदिन सुबह अनु तेल/तिल के तेल की दो बूंदें डालें। परामर्श जारी करने के साथ ही आयुष मंत्रालय का हालांकि यह भी कहना है कि यह सलाह केवल सूचना के लिए है और इसे केवल पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों के परामर्श से अपनाया जाए।

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