कोरोना वायरस को मात देने में कौन-सा देश अग्रसर?

बीजिंग, – कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। अगर आज की तारीख में देखें, तो दुनिया भर में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 1.10 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि अब तक 5.24 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

इस महामारी ने जिसको सबसे ज्यादा प्रभावित किया है, वो है अमेरिका। वहां तो लोगों का हाल बेहाल है, इस समय मरीजों की संख्या 28.37 लाख के पार पहुंच चुकी है, जबकि 1.31 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

लेकिन यहां चीन का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है। उसने इस महामारी पर अच्छे से काबू पाया है। कोरोना के खिलाफ उसने अपनी मजबूत इच्छा शक्ति दिखाई है। चीन सरकार और जनता ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में संयम और संकल्प का परिचय दिया है।

देखा जाए तो चीन ने पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिका की तुलना में बहुत बेहतर काम किया है।

देखें तो चीन ने इस महामारी को एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल माना है। अन्य प्रांतों और क्षेत्रों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए चीन ने राष्ट्रीय संयुक्त रोकथाम और नियंत्रण तंत्र स्थापित किया। इस दौर में चीनी लोगों ने अपनी सरकार का पूरा साथ दिया और अपने असाधारण प्रयासों के साथ इस महामारी के खिलाफ जनयुद्ध लड़ा।

हालांकि, महामारी पर लगभग विजय पाने के बावजूद चीन ने महामारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरती है। चीन ने जब महामारी की पहली लहर को नियंत्रित कर लिया, तो उसके बाद से चीनी जनता ने नए प्रकोप के लिए और ज्यादा सतर्कता बरती।

यही वजह है कि आज चीन में नए घरेलू संक्रमणों की संख्या को लगभग शून्य पर ला दिया है, लेकिन उसके लिए चीन को भारी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी है।

आज जहां अमेरिका, ब्राजील, भारत, रूस और पेरू जैसे देशों में कोरोना के मामले और मरने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहीं चीन में कोरोना के मामले शून्य की तरफ जाते दिख रहे हैं। यकीनन, चीन में कोविड-19 के प्रकोप को नियंत्रित करने की क्षमता है, और इससे चीन की अर्थव्यवस्था को बल भी मिला है।

खैर, चीन ने अब तक महामारी के खिलाफ जो लड़ाई लड़ी है, उसे देख देश की जनता गर्व महसूस कर सकती है। लेकिन चीन भली-भांति जानता है कि अभी कोरोना के खिलाफ उसकी लड़ाई पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। दरअसल, यह एक वैश्विक लड़ाई है, और अन्य देशों में जो स्थितियां हैं, वे चीन के युद्ध मैदान को प्रभावित करेंगी

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