खरीफ बुवाई जोर पकड़ी, 781 फीसदी बढ़ा तिलहनों का रकबा

नई दिल्ली। देशभर में मानसूनी बारिश जोर पकड़ने के साथ खरीफ फसलों की बुवाई भी तेज हो गई है। देशभर में एक जून के बाद औसत से 31 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। जिससे खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल से करीब 39 फीसदी बढ़ गया है।

खासतौर से तिलहनों की बुवाई का क्षेत्र पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 781 फीसदी बढ़ गया है। तिलहन फसलों में मूंगफली और सोयाबीन की खेती में किसानों ने ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी खरीफ फसलों की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में इस साल खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 39 फीसदी से ज्यादा हो गई है।

कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई के अब तक के आंकड़े जारी किए हैं।

देशभर में धान की रोपाई आमतौर पर 15 जून से शुरू होती है और इस साल अब तक महज 10.05 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगी है जो पिछले साल के 10.28 लाख हेक्टेयर से कम ही है। हालांकि दलहनों का रकबा पिछले साल के 2.22 लाख हेक्टेयर से दोगुना से ज्यादा यानी 4.58 लाख हेक्टेयर हो गया। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि धान, दलहन, तिलहन और मोटे अनाज की बुवाई का सीजन अभी शुरू ही हुई है, लेकिन मानसूनी बारिश जोर पकड़ने से उनकी उम्मीद बढ़ गई है।

खरीफ फसलों का कुल रकबा 131.34 लाख हेक्टेयर हो गया है जबकि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान खरीफ फसलों का रकबा 94.23 लाख हेक्टेयर था। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले इस साल खरीफ फसलों का रकबा 37.11 लाख हेक्टेयर यानी 39.38 फीसदी अधिक है।

उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ सिंचित इलाके में कपास की बुवाई मानसून के आगमन से पहले ही शुरू हो जाती है और इस साल उत्तर भारत के किसानों ने कपास की खेती में काफी दिलचस्पी दिखाई है। यही वजह है कि कपास का रकबा इस साल अब तक 28.77 लाख हेक्टेयर हो गया है जोकि पिछले साल की समान अवधि से 10.59 लाख हेक्टेयर यानी 58.25 फीसदी ज्यादा है।

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