गिलगित-बालिस्टतान में फूलों की खेती बनी किसानों के लिए वरदान

इस्लामाबाद- पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में फूलों की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जिससे उन्हें आलू की खेती के मुकाबले तकरीबन चार गुना ज्यादा फायदा हो रहा है। 

पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में फूलों की खेती किसानों के लिए लाभकारी सौदा बन गई है और इलाके में फूलों की खेती को व्यवसायिक रूप में एक महिला का अहम योगदान रहा है।

फूलों से लगाव ने ही रोजिना बाबर को काराकोरम विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद फूलों की सजावट के क्षेत्र में कॅरियर बनाने को प्रेरित किया। हालांकि उनको शुरुआती दिनों में ही मालूम हो गया था कि यह कोई आसान काम नहीं है। फिर वह शिद्दत के साथ इस कार्य में जुट गईं।

उन्होंने 2017 में गिलगित-बाल्टिस्तान के कृषि विभाग को एक बिजनेस प्रस्ताव देकर उससे मदद मांगी। उनके आइडिया से प्रेरित होकर विभाग के अधिकारियों ने उनको फूलों की खेती करने के प्रशिक्षण के लिए महिलाओं के एक समूह का चयन करने को कहा। इसके बाद विभाग ने उन्हें 80,000 ग्लैडीओलस के बल्ब मुहैया करवाए और इस तरह इस परियोजना की शुरुआत हुई।

रिपोर्ट के अनुसार, आज फूलों की खेती वहां फायदे का सौदा बन गई है। रिपोर्ट में बताया गया है फूलों की खेती से जुड़ा एक किसान 605 वर्ग गज जमीन में जहां आलू की खेती से 21,000 रुपये (पाकिस्तानी मुद्रा) की आय अर्जित करता था, वहां आज वह फूलों की खेती से 83,000 रुपये कमा रहा है।

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