ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, ट्रेनिंग के बाद बनेंगी “इंटरनेट साथी”

भागलपुर (बिहार), 15 मार्च । ग्रामीण महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए’ “गूगल और टाटा ट्रस्ट” के सहयोग से  डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन” (डीईएफ) द्वारा बिहार  के अनेकों जिला के प्रखंड स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  जिसको लेकर गाँव की महिलाओ में बहुत ही उत्साह का माहौल है।

इस कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य है, कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ को  डिजिटाइज़ किया जा सके ताकि ये महिलाए भी डिजिटल इंडिया से जुड़ सके, साथ ही पुरुषो के साथ कदम से कदम मिला कर चल सकें और खुद को सशक्त बना सकें।

इस दो दिवसीय  प्रशिक्षण के अंतर्गत  गाँव की  महिलाओ को जिन्हे थोड़ा बहुत लिखने पढ़ने  का ज्ञानहो, साथ ही कुछ साथी किसान परिवार,और कुछ ग्रहणीया  भी है, जिन्हे  प्रशिक्षित किया जा रहा  है,जिन्हें “साथी” नाम से सम्बोधित किया गया है, ताकि वह गांव की अन्य सभी महिलाओ को तकनीकी यानी इंटरनेट का ज्ञान  दे सके।

हालांकि प्रशिक्षण का आधार सिर्फ तकनीकी ज्ञान तक ही सिमित नहीं है, इस का परिणाम दूरगामी भी हो सकता है। इस प्रोग्राम के तहत बिना भेदभाव के  गांव  के हर वर्ग से साथियो का चयन किया जाता है, जिससे जाति भेद-भाव और महिलाओ के प्रति रूढ़िवादी विचार धारा को ख़त्म किया जा सकता है ।

इस प्रशिक्षण में शामिल होने वालों में बहुत-सी महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्होंने इससे पहले घर से बाहर कदम तक नहीं रखा था। लेकिन वो इस कार्यक्रम से जुड़कर सामाजिक कार्यों से जुड़ना चाहती हैं।

ट्रेनिंग के दौरान इंटरनेट साथियों को डीईफ , गूगल, टाटा ट्रस्ट के बारे में बताने के अलावा  ग्रामीण महिलाओ को इंटरनेट से जोड़ने के तरीके एवं रोजगार का अवसर तलाशने के भी गुर सिखाए जाते हैं। विभिन प्रकार की मोबाइल  एप्प का  प्रयोग, सरकारीसुविधाओं का लाभ उठाना,बिजली का बिल भुगतान के अलावा अन्य प्रकार के बिलो का भुगतान , ऑनलाइन बैंकिंग के तरीके बताए जाते हैं।

बिहार राज्य में प्रशिक्षण की बात की जाए तो, पहले दिन 14 मार्च 2019,  जिला-भागलपुर, ब्लॉक – सुल्तानगंज, जहां साथियो को ट्रेनिंग दी गई। जिसमें करीब  32 महिला साथी को  मौका मिला। जबकि जिला- भागलपुर, ब्लॉक- जगदीशपुर, से 25 महिलाओं ने ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के दूसरे दिन 15 मार्च  2019, को भी प्रशिक्षण केंद्र में महिलाओ की उपस्थिति शत प्रतिशत रही, जिनके चेहरे को देख कर आसानी से एक नए उत्साह एवं उम्मीद का अंदाजा लगाया जा सकता था।

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