विदेश राज्यमंत्रील वी. मुरलीधरण ने कहा कि पिछले पांच साल में चीन के साथ भारत की भागीदारी सभी स्तरों पर बढ़ी है क्योंकि दोनों देशों ने अपने आपसी मतभेदों को विवाद नहीं बनने दिया। मुरलीधरण यहां ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) में एक सम्मेलन के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, “हमारा कार्यात्मक सहयोग बढ़ा है और बातचीत की प्रक्रिया तेज हुई है। चीन के साथ हमारी आर्थिक भागीदारी भी बढ़ी है और द्विपक्षीय व्यापार करीब 95 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि बढ़ता व्यापार घाटा चिंता का विषय बना हुआ है।”
आर्थिक सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार के मसलों से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए भारत और चीन के बीच पिछले महीने उच्च स्तरीय आर्थिक व व्यापार वार्ता की व्यवस्था बनाने पर सहमति हुई।
यह फैसला बीते महीने 11-12 अक्टूबर को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई दूसरी अनौपचारिक वार्ता के दौरान लिया गया।
मुरलीधरण यहां जेजीयू में 8-10 नवंबर के दौरान आयोजित 12वें ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ चाइना स्टडीज में बोल रहे थे।