दिल्ली में चार पहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में स्विच करने की मुहिम

नई दिल्ली, – दिल्ली सरकार के स्विच दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन अभियान का तीसरे सप्ताह दिल्ली वासियों को इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लाभों के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित किया गया है।

इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने वाले दिल्ली वासी दिल्ली सरकार की ईवी नीति के तहत लाभ उठा सकते हैं।
दिल्लीवासियों ने बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक के चार पहिया वाहनों को बदलना शुरू कर दिया है। अगस्त 2020 में दिल्ली ईवी नीति के लॉन्च होने के बाद से अब तक 465 नए ईवी चार पहिया वाहनों का पंजीकरण किया गया है। दिल्ली में हर दिन ईवी के लिए पंजीकरण किए जा रहे हैं।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, दिल्ली ईवी नीति के शुभारंभ के बाद से 465 नए ईवी चार पहिया वाहनों का पंजीकरण किया गया है। दिल्ली ईवी पॉलिसी के तहत 3 लाख रुपए तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है, जिसमें 1.5 लाख सब्सिडी, पंजीकरण, और रोड टैक्स छूट शामिल है। यह भारत के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक सब्सिडी है।

गहलोत के मुताबिक दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार के स्वामित्व की कुल लागत डीजल कार के समान है। दिल्ली की ईवी नीति में इलेक्ट्रिक कारों पर दी जाने वाली सब्सिडी इलेक्ट्रिक कारों के स्वामित्व की कुल लागत को 30 प्रतिशत तक कम कर रही है। एक व्यक्ति एक डीजल कार से ईवी पर स्विच करके प्रति माह 1050 रुपए बचा सकता है।

अधिक से अधिक दिल्लीवासियों को ईवी क्रांति का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करने और दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने में मदद करने के लिए इसे लॉन्च किया गया है। इसके तहत दिल्लीवासी अगले 3 वर्षों में ईवी में स्विच करने या अपने परिसर में चाजिर्ंग प्वाइंट स्थापित करने का संकल्प ले सकते हैं।

इससे पहले दिल्ली सरकार ने गुरुवार को एक आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार के सभी विभाग, स्वायत्त निकाय और अनुदान प्राप्त संस्थान अपने मौजूदा पारंपरिक ईंधन वाले वाहनों के बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहन में बदल देंगे। इस फैसले से 2,000 कारें प्रभावित होंगी और इसे अगले 6 महीने के अंदर ईलेक्ट्रिक वाहनों में बदला जाएगा।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले की प्रशंसा करते हुए कहा, दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए यह एक लंबा रास्ता तय करेगा। दिल्ली तेजी से एक आधुनिक शहर बन रहा है। हर भारतीय को दिल्ली पर गर्व है।

मौजूदा डीजल या पेट्रोल वाहन बेड़े को ईवी में बदलने की प्रगति की निगरानी के लिए दिल्ली परिवहन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। सभी विभागों के लिए यह भी आवश्यक होगा कि वे नोडल विभाग को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की मासिक कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

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