दिल्ली में प्रदूषण से निपटने को आईआईटी-कानपुर का एरिक्सन से करार


दिल्ली में वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स (एनबी-आईओटी) को तैनात करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)-कानपुर ने स्वीडिश टेलीकॉम गियर निर्माता एरिक्सन के साथ एक साझेदारी की।

आईआईटी कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष एस. त्रिपाठी ने एक बयान में कहा, “एरिक्सन से मिलने वाले समर्थन के साथ हम दिल्ली के कई स्थानों पर भारत के पहले नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स आधारित लो कॉस्ट पार्टिकुलेट मैटर सेंसर को विकसित करने के बाद उसका उपयोग करेंगे।”

त्रिपाठी ने कहा, “इस डेटा का संग्रह और विश्लेषण वायु प्रदूषण के खतरे को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है।”

समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, निर्धारित समय अंतराल पर पीएम 1, पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर सहित पर्यावरण डेटा साझा करने में सक्षम एरिक्सन स्थानीय रूप से विकसित वायु गुणवत्ता सेंसर का उपयोग करेगा।

इससे राजधानी के विभिन्न हिस्सों से एकत्र किए गए आंकड़ों की बेहतर निगरानी करने के साथ-साथ इन आंकड़ों का विश्लेषण भी किया जा सकेगा।

स्थानीय अधिकारियों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ निष्कर्षो को समय-समय पर साझा किया जाएगा।

भारत में एरिक्सन इंडिया के प्रमुख नितिन बंसल ने कहा, “सेंसर ऑटोमेटिक हैं और परिभाषित समय अंतराल पर जानकारी का प्रसारण करेंगे।”

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