कोरोना के फैलाव और उपचार पर डॉक्टर से ख़ास बातचीत

कोरोना संक्रमण के चलते जहां पूरे भारत में लॉकडाउन कर दिया गया है वही जीवन आवश्यक एवं स्वास्थ्य सेवाएं नियमित रूप से जारी है।सर्व सामान्य तौर पर यह देखने में आ रहा है कि लोगों में इस बीमारी को लेकर कई भ्रामक बातें फैल रही है जिसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले अस्पतालों एवं डॉक्टरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

इसी बीच गडचिरोली के कुरखेड़ा स्थित उप जिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधीक्षक डॉक्टर संभाजी ठाकुर से नासिर हाशमी ने ख़ास बातचीत की और जानने की कोशिश की, कि कोरोना से संबंधित फैलाव उपचार एवं किस प्रकार की सावधानियां लोगों को बरतनी चाहिए।

  • कोरोना जैसी बीमारी की लागत होने पर किस तरह से पहचान की जा सकती है?

डॉक्टर साहब ने इस बारे में बताया कि कोरोना इस वायरस के शरीर में प्रवेश करने के बाद यह गले में उतर कर फेफड़ों तक पहुंचता है तथा इस बीमारी से ग्रस्त होने वाले व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है साथ ही शरीर इस संक्रमित वायरस लड़ने के लिए यह कोशिश करता है तब शरीर का तापमान बढ़ जाता है यदि स्वस्थ व्यक्ति हो तो कोरोना वायरस इम्यून सिस्टम को परास्त नहीं कर पाता तथा समाप्त हो जाता है वही यदि कोई व्यक्ति पूर्व से ही किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हो तथा उसके शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति कमजोर हो तो ऐसे में उसके शरीर की अन्य अंगों पर इसका प्रभाव पड़ता है जिसमें फेफड़ों में संक्रमण तथा किडनी और लीवर तथा हृदय पर भी इसका गंभीर असर देखने को मिलता है। यदि किसी को खांसी सर्दी तेज बुखार हो तो इस संक्रमित बीमारी की जांच करवा लेनी चाहिए।

  •  यदि कुरखेड़ा उप जिला अस्पताल में कोरोना से संक्रमित व्यक्ति आता है तो अस्पताल की क्या-क्या तैयारियां हैं?

इस पर डॉक्टर साहब ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है जिसमें कुल 20 बेड उपलब्ध है तथा 2 ventilator की सुविधा उपलब्ध है यदि कोई संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में दाखिल होता है और उसे सांस लेने में परेशानी होती है तो यह वेंटीलेटर्स उस संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में मदद कर सकते हैं यहां उपलब्ध वेंटिलेटर किसी भी उम्र के मरीज के लिए उपयुक्त है।

  •  यदि मरीजों की संख्या दो से अधिक हुई तो 2 ventilator के सहारे कैसे सेवा दे पाएंगे?

इस सवाल पर डॉक्टर ने कहा कि यही कारण है कि सरकार मरीजों की संख्या को नियंत्रित करना चाहती है क्योंकि अपने देश में यदि यह संक्रमण बढ़ता है तो जनसंख्या के अनुपात से स्वस्थ उपकरणों की काफी कमी पड़ेगी ऐसे में शत प्रतिशत मरीजों को उपकरणों की मदद से सेवा मुहैया कराना काफी मुश्किल होगा इसीलिए इस संक्रमण को नियंत्रित रखना तथा मरीजों को बढ़ने नहीं देना यही एकमात्र उपाय है l

  • संक्रमण की जांच कैसे होती है? क्या यह वायरस रक्त में पाया जाता है , रक्त के नमूने भेजे जाते हैं लैब में जिसके आधार पर ही जांच होती है?

डॉक्टर ठाकुर ने बताया कि कोरोना वायरस की जांच गले के अंदर से थूक के अंश से की जाती है। नली के द्वारा कपास गले में डाला जाता है तथा वह सैंपल लैब में जांच हेतु भेजे जाते हैं फिलहाल गडचिरोली से इस तरह के सैंपल नागपुर लाइव भेजे जा रहे हैं जिसकी जांच नागपुर में ही होती है फिलहाल स्थानीय स्तर पर इस जांच की कोई सुविधा नहीं है।

  • सर्व सामान्य रूप से सर्दी खांसी या बुखार होना कोरोना वायरस के लक्षण में से आता है क्या?

इस सवाल पर डॉक्टर ने बताया कि पिछले 2 सप्ताह में कई ऐसे मरीज अस्पताल आए हैं जिन्हें सर्दी खांसी है मगर संदेह के आधार पर अभी तक केवल तीन लोगों की ही कोरोना सैंपल के लिए गडचिरोली रेफर किया गया जिनमें वही लोग शामिल है जो पिछले 15 से 20 दिनों के बीच विदेश यात्रा करके लौटे थे।

अस्पताल पहुंचने वाले कुछ मरीज ऐसे भी थे जो भय के चलते अस्पताल आए थे एवं पूर्णा की जांच कराने की जिद कर रहे थे डॉक्टर साहब ने बताया कि ऐसे मरीजों को मनोवैज्ञानिक counselling कर घर भेजा गया जिस प्रकार से सामाजिक माध्यमों से अफवाहें फैल रही है लोगों की मानसिकता पर इसका सीधा असर पड़ रहा है लोग जरा सी सर्दी खांसी और बुखार को लिए अस्पतालों में दर्दी कर रहे हैं इस पर डॉक्टर साहब ने बताया कि सामान्य रूप से सर्दी खांसी होना कोरोना के लक्षण नहीं है यदि सांस लेने में अधिक दिक्कत हो रही हो तभी संक्रमण का पता चलता है इसीलिए घबराए नहीं इस बीमारी से बचाव के उपाय अपने ही हाथों में है स्वच्छता रखें तथा बार-बार हाथ धोएं और घर में ही रहे।

  • कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे प्रवेश करता है?

इस पर डॉक्टर ने बताया कि यह वायरस आपके खांसी से या छींकने से दूसरे व्यक्ति में प्रवेश कर सकता है मगर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति का अंतर 3 फीट यानी 1 मीटर से अधिक है तब यह वायरस जमीन की सतह पर गिर जाएगा यह हवा में नहीं चल सकता यह हवा में इसका संक्रमण नहीं हो सकता इसीलिए सोशल डिस्टेंसिंग के तहत एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से 3 फीट के अंतर पर होना लाजमी किया गया यदि किसी जरूरत के लिए आपको घर से बाहर निकलना ही पढ़ रहा हूं तब आप लोग इस नियम पर जरूर अनुकरण करें।

  • रोग प्रतिकारक शक्ति अर्थात इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगों को क्या करना चाहिए?

डॉक्टर के मुताबिक़ संतुलित आहार ही आपको रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने में सहायता कर सकता है। लॉक डाउन के समय घूमना फिरना बिल्कुल कम हो गया है शारीरिक गतिविधियां सीमित हो गई हैं ऐसे में हल्के आहार जो पचने में हल्के हो का सेवन करना चाहिए। बहुत मसालेदार तीखे मातलन पुरनकी खाने से लोगों को बचना चाहिए। जिन फूलों से विटामिन सी भरपूर मात्रा में मिलता है उनका सेवन लाभदायक होता है जिसमें संतरा नींबू अंगूर आदि फल शामिल है यदि रोग प्रतिकारक शक्ति अच्छी रहेगी तभी करुणा संक्रमण से बचा जा सकता है।

आशा करते हैं कि डॉक्टर साहब द्वारा बताए गए जानकारी के आधार पर भ्रामक जानकारियों को दूर करने में सहायता मिलेगी।-

                                                                                                                                                                     – नासिर हाशमी, गढ़चिरौली

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