प्याज के दाम पर अगले सप्ताह से लग सकता है लगाम


देश के प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेशों से नई फसल की आवक जोर पकड़ने के कारण अगले सप्ताह के प्याज के बढ़ते दाम पर लगाम लग सकती है। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को प्याज की आवक में बढ़ोतरी होने से थोक भाव में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 25-82.50 रुपये प्रति किलो था जबकि एक दिन पहले थोक भाव 85 रुपये किलो दर्ज किया गया था। हालांकि बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खुदरा प्याज दिल्ली-एनसीआर में अभी भी 80-120 रुपये किलो बिक रहा है।

हालांकि उपभोक्ता मामले मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में खुदरा प्याज का भाव शुक्रवार को चार रुपये की बढ़ोतरी के साथ 98 रुपये प्रति किलो था।

मंडी के कारोबारियों ने बताया कि अगले सप्ताह से गुजरात और महाराष्ट्र से प्याज की नई फसल की आवक शुरू होने वाली है जिसके बाद कीमतों में गिरावट आ सकती है।

आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि देशभर में प्याज की नई फसल की आवक अगले सप्ताह से जोर पकड़ेगी जिससे कीमतों में वृद्धि पर लगाम लगेगा।

उन्होंने बाताया कि देश की प्रमुख मंडियों में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश से प्याज की नई फसल की आवक धीरे-धीरे जोर पकड़ रही है और दिल्ली में भी अगले सप्ताह से आवक बढ़ने की उम्मीद है।

उधर, केंद्र सरकार द्वारा आयातित प्याज भी देश में आने वाला है। पिछले सप्ताह केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा कहा गया था कि एमएमटीसी ने मिस्र से 6,090 टन प्याज मंगाने का अनुबंध किया है। बताया जा रहा है कि 6,090 टन प्याज मिस्र से अगले कुछ दिनों में देश में आने वाला है। एमएमटीसी ने इसके अलावा, तुर्की से 11,000 टन प्याज इस महीने के आखिर में या जनवरी के पहले सप्ताह में आएगा।

एमएमटीसी ने अब तक 21,090 टन से ज्यादा प्याज आयात करने के ठेके दिए हैं। इसके अलावा कंपनी को 15,000 टन प्याज आयात करने के लिए तीन नए टेंडर जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है।

उपभोक्ता मामले मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने इस साल मूल्य स्थिरीकरण फंड के तहत 57,372.90 टन प्याज था। प्याज खरीद कर बफर स्टॉक बनाया था जिसमें से 26,735 टन प्याज का वितरण विभिन्न राज्यों व विक्रय करने वाली एजेंसियों को किया गया। इसके अलावा, 11,408 टन प्याज और निम्न केटेगरी का था उसे स्थानीय बाजारों में बेचा गया। बाकी प्याज या तो खराब हो गया या सूख गया।

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