बिहार में जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए बनी मानव श्रृंखला, नीतीश ने जताया आभार


बिहार में ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के साथ नशा मुक्ति, बाल विवाह रोकथाम एवं दहेज प्रथा उन्मूलन को लेकर जागरूकता अभियान के तहत रविवार को राज्यभर में करीब चार करेाड़ से ज्यादा लोगों ने एक दूसरे का हाथ पकड़कर मानव श्रृंखला बनाई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मानव श्रृंखला में शामिल होने वाले सभी लोगों का आभार जताते हुए कहा कि जल और हरियाली है तभी जीवन है। इस मानव श्रृंखला की शुरुआत ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रारंभ हुई, जहां राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल पुरूष राजेंद्र सिंह सहित कई मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।

गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुब्बारों के गुच्छों को आसमान में उड़ाकर इस श्रृंखला की शुरुआत की। गांधी मैदान से चार श्रेणियांे में निकली यह मानव श्रृंखला राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला, प्रखंड, पंचायत, गांवों की विभिन्न सड़कों और पगडंडियों से होकर गुजरी।

राज्य सरकार का दावा है कि इसमें करीब चार करोड़ लोगों ने शिरकत की और पर्यावरण संतुलन को लेकर अपने-अपने भाव प्रस्तुत किए। इस मौके पर सभी जिला मुख्यालयों में भी अधिकारियों ने श्रृंखला में भाग लिया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जल व हरियाली है, तभी जीवन सुरक्षित है।

उन्होंने कहा, “मैंने जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए पूरे राज्य की यात्रा की और इस दौरान पाया कि लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता आई है। यह प्रसन्नता की बात है। आज बिहार ने इस मानव श्रृंखला से देश ही नहीं दुनिया को संदेश दिया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पर्यावरण के लिए निरंतर अभियान चलाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ‘अगर हम पर्यावरण को नहीं समझेंगे तो हमारा बड़ा नुकसान होगा।’ उन्होंने मानव श्रृंखला को सफल बनाने के लिए बिहार की जनता का आभार जताया।

उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे ‘जल पुरुष’ राजेंद्र सिंह को भी खास तौर पर धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मानव श्रृंखला में बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा सम्मिलित हुए जो काफी प्रसन्नता की बात है।

पूर्वाह्न 11.30 बजे से प्रारंभ इस मानव श्रृंखला का समापन 12.00 बजे हुआ। इस दौरान कई स्थानों पर यातायात को रोक दिया गया गया था।

सरकार का दावा है कि यह अनोखी मानव श्रृंखला पूरे बिहार में 13 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी बनी है। इस मानव श्रृंखला की तस्वीर और वीडियोग्राफी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर लगाए गए थे।

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