बिहार जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि कोसी के जलस्तर में कमी आ रही है। वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे कोसी का जलस्तर 1़82 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे घटकर 1़75 लाख क्यूसेक हो गया।
इधर, गंडक नदी का जलस्तर में भी कमी हुई है। गंडक का जलस्तर बाल्मीकिनगर बैराज पर सुबह छह बजे 1़80 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे घटकर 1़77 लाख क्यूसेक पहुंच गया है।
इस बीच राज्य की कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला, बलान और गंगा कई इलाकों में खतरे के निशान से उपर बह रही हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार के 16 जिलों के कुल 126 प्रखंडों की 1,240 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 74 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 7 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां करीब 12 हजार से ज्यादा लोग रह रहे हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 1,239 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन करीब 9़39 लाख लोग भोजन कर रहे हैं।
रामचन्द्र डू के मुताबिक, बाढ़ के दौरान इलाकों में 24 लोगों की मौत हुई है, इसमें सबसे ज्यादा 10 लोगों की मौत दरभंगा जिले में हुई है। साथ ही बढ़ा की वजह से 66 पालतू पशुओं की भी मौत हुई है।
बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 33 टीमें राहत एवं बचाव का काम कर रही हैं। अब तक पांच लाख से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है।
अपर सचिव ने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को 6,000 रुपये की राशि दी जा रही है। अभी तक 6,31,295 परिवारों के बैंक खाते में कुल 37,8़77 करोड़ रूपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है।