बिहार में शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने पदभार संभालने के 1 घंटा बाद दिया इस्तीफा

कुछ ही दिनों पहले राजग सरकार में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के शपथ लेने के साथ उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली थी।

चौधरी ने शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण किया था।

शिक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद से ही उनपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा था।

चौधरी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात की थी।

इधर, गुरुवार को पदभार संभालने के एक घंटा बाद ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया।

जदयू के महासचिव के.सी. त्यागी ने कहा, “नीतीश कुमार की पहचान राजनीति में अलग नेता के रूप में है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है।

यही कारण है कि भ्रष्टाचार के आरोपी शिक्षा मंत्री से उन्होंने इस्तीफा ले लिया है।

उल्लेखनीय है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा था कि असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में भ्रष्टाचार करने के आरोपी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या उन्हें लूटने की खुली छूट दी गई है?

राजद नेता ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भारतीय दंड संहित की धारा 409,420,467, 468,471 और 120बी के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का इनाम एवं लूटने की खुली छूट दे दी है?

जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं । राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे।

कांग्रेस ने भी चौधरी के मंत्री बनाने पर सरकार पर सियासी हमला बोला था। युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार ने गुरुवार को कहा कि विपक्ष के दबाव के कारण शिक्षा मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा।

विपक्ष और आम लोगों के दबाव में सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने सवाल किया कि आखिर चौधरी को मंत्री बनाया ही क्यों गया?

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