सर्वोच्च न्यायालय देश भर में अग्निशमन और आपात सेवाओं में सुधार की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति रविंद्र भट की पीठ ने संजय गर्ग की तरफ से दायर याचिका पर केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह दमकल कर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण औजार मुहैया कराए और जबतक कोई व्यापक कानून पारित न हो जाए, तबतक अग्निशमन एवं आपात सेवाओं के रखरखाव एवं प्रावधान पर मॉडल विधेयक को मंजूरी दे दिया जाए।
उन्होंने कहा कि एक खराब तरीके से प्रशिक्षित और अक्षम दमकल विभाग समाज के लिए एक खतरा है।
गर्ग ने अपनी याचिका में कहा कि जहां पूरी दुनिया में दमकलकर्मियों को उचित सम्मान मिलता है और उनके साथ हीरो जैसा बरताव किया जाता है, वहीं भारत में उन्हें आधुनिक उपकरण और पर्याप्त वेतन तक नहीं प्रदान किया जाता है।
उन्होंने देशभर में घटी कई घटनाओं पर अपनी पीड़ा जाहिर की और कहा कि सरकार ने इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए अतीत से कोई सबक नहीं लिया है।
उन्होंने कहा कि अग्निशमन और आपात सेवाएं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक अभिन्न अंग हैं।