विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी दो दिवसीय दौरे पर इंडोनेशिया पहुंचे. जयशंकर ने यहां अपने इंडोनेशियाई समकक्ष रेटनो मारसुदी के साथ आतंकवाद को लेकर वार्ता की. इस दौरान दोनों ही देशों ने आतंकवाद को एक वैश्विक बुराई के रूप से स्वीकार किया. आतंकवाद से निपटने में दोहने मापदंड को दोनों ही देशों ने एक बड़ी बाधा कहा और इसकी स्पष्ट शब्दों में निंदा की. बता दें कि विदेश मंत्री 4 से 6 सितंबर तक इंडोनेशिया की यात्रा पर हैं. किसी दक्षिण पूर्व एशियाई देश की उनकी यह पहली यात्रा है. वार्ता के दौरान दोनों देशों ने क्षेत्रीय अखंडता एवं एकता में अपने साझा हितों की भी पुष्टि की. जयशंकर ने एक प्रेस बयान में कहा, ‘दोनों देश आतंकवाद की बुराई का सामना कर रहे हैं. लोकतंत्र होने के नाते हम दोनों देशों ने आज की बैठक में आतंकवाद के सभी रूपों की अपनी सख्त निंदा को स्पष्ट रूप से दोहराया. ‘
उन्होंने कहा, ‘इस वैश्विक बुराई से निपटने में दोहरे मापदंड के प्रति हमने अपना सख्त विरोध दर्ज कराया है.’ बैठक के दौरान भारत ने सभी देशों से आतंकवाद को राजकीय सहयोग मुहैया करना बंद करने और अपनी सरजमीं को आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल किये जाने को रोकने की अपील की.
उन्होंने कहा, ‘हम दोनों देशों की क्षेत्रीय अखंडता एवं एकता में हमारे साझा हितों की भी पुष्टि करते हैं.’ दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण विषयों और कई सारे क्षेत्रीय, वैश्विक, आर्थिक, राजनीतिक तथा सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा की. जयशंकर ने स्वीकार किया कि दोनों देश करीबी समुद्री पड़ोसी हैं. उन्होंने कहा कि भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट’ और हिंद-प्रशांत नीति के तहत इंडोनेशिया को एक अहम साझेदार मानता है.
दोनों नेता भारत और इंडोनेशिया के बीच संपर्क बढ़ाने, खासतौर पर व्यापार, पर्यटन और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए आसेह (इंडोनेशियाई प्रांत) एवं अंडमान निकोबार द्वीपसमूह को जोड़ने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए. आसेह प्रांत सुमात्रा के उत्तरी छोर पर स्थित है. उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि कार्य बल नवंबर में मुलाकात करेगा.’
आईएमटी-जीटी में शामिल होने का न्यौता
जयशंकर ने इंडोनिशया, मलेशिया, थाईलैंड- विकास त्रिभुज (आईएमटी-जीटी) में शामिल होने के लिए भारत को दिये इंडोनेशिया के न्यौते पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा, ‘हम इसमें शामिल होने को लेकर खुश हैं.’ जयशंकर ने इंडोनेशिया के उप राष्ट्रपति यूसुफ कल्ला से भी मुलाकात की. दोनों देश 2025 तक 50 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. जिसमें सीमावर्ती बाजार पहुंच के मार्फत इस लक्ष्य को हासिल करना भी शामिल है.
पाम ऑयल पर शुल्क कम करने का आग्रह
वार्ता के दौरान इंडोनेशिया ने भारत से पाम ऑयल के लिए शुल्क कम करने का भी आग्रह किया. मारसुदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘विदेश मंत्री जयशंकर और मैं इस बात पर सहमत हुए कि वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों में दोनों देशों के बीच लंबे और मजबूत संबंध जाहिर होने चाहिए.’ वहीं जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्री के तौर पर आसियान देशों की पहली यात्रा में इंडोनेशिया के अपने समकक्ष के साथ बैठक करने में खुशी हुई.’
जयशंकर ने कहा, ‘हम साझी चुनौतियों का समाधान करने और साझे अवसरों की खोज करने पर सहमत हुए. हमारी वार्ता में क्षेत्रीय अखंडता के लिए परस्पर सहयोग पर जोर दिया गया.’ साथ ही उन्होंने समुद्री मामलों के समन्वय मंत्री जनरल लुहुट बिनसार पंडजैतान से भी मुलाकात की और अंडमान- निकोबार तथा आसेह के बीच निकट सहयोग पर चर्चा की.