नोवेल कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए अब भारत-नेपाल बॉर्डर पर लोगों की गहन स्क्रीनिंग की जाएगी। यह फैसला नेपाल में कोरोना वायरस मिलने की पुष्टि होने के बाद लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय तुरंत प्रभाव से उत्तराखंड से लगने वाली नेपाल सीमा पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था करवाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से इस विषय पर बात की। डॉ. हर्ष वर्धन ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से कहा, “उत्तराखंड से सटे नेपाल बॉर्डर के जरिए भारत आने जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था करवाई जा रही है। स्क्रीनिंग के अलावा भी स्वास्थ्य मंत्रालय नेपाल से सटे इस राज्य को सभी संभव सहायता तुरंत पहुंचाएगा।”
भारत सरकार ने यह फैसला नेपाल में एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से ग्रसित होने के बाद लिया है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इस विषय में व्यक्तिगत रूप से प्रबंधन की निगरानी करने का आग्रह किया है।
शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बुलाई गई बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, आईसीएमआर व एनसीडीसी के वैज्ञानिक व अन्य विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक के उपरांत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “नोवेल कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों की सात अलग-अलग टीम बनाने का फैसला लिया है। विशेषज्ञों की ये टीमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद व कोच्चि एयरपोर्ट्स जाकर कोरोना वायरस से निपटने के इंतजामों का जायजा लेगी।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नोवेल कोरोना वायरस को लेकर एक हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 भी जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए यह हेल्पलाइन नंबर चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि अभी तक भारत में कोई भी व्यक्ति नोवेल कोरोना वायरस से ग्रसित नहीं पाया गया है। हालांकि 11 व्यक्तियों को अभी संदेह के आधार पर चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। इनमें से 4 व्यक्तियों की जांच के नतीजे आ गए हैं और किसी के भी शरीर में फिलहाल नोवेल कोरोना वायरस का असर नहीं मिला है।
स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय व विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके तहत विदेशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट्स पर विशेष जांच की जा रही है।