मप्र : गड़बड़ी करने वाली गृह निर्माण समितियों पर सरकार की टेढ़ी नजर


मध्य प्रदेश में तमाम माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है। इसमें और तेजी लाने की तैयारी चल रही है।

वहीं कमलनाथ सरकार की अब गड़बड़ी करने वाली गृह निर्माण समितियों पर नजर तिरछी होने लगी है। राज्य में दिसंबर माह से मिलावटखोरों के खिलाफ ‘शुद्घ के लिए युद्घ’ अभियान चलाया जा रहा है तो सरकारी जमीन पर कब्जा करने, संगठित होकर वसूली करने वालों, अपराध करने वालों के खिलाफ अभियान चल रहा है। सरकार को इस अभियान के दौरान सबसे ज्यादा गड़बड़ियां गृह निर्माण समितियों को लेकर आई हैं। इस मामले में बड़ी संख्या में शिकायतें सरकार तक पहुंची हैं। एक ही भूखंड कई-कई लोगों को दिया गया। इसके चलते वास्तविक हकदार जमीन पर कब्जा पाने से वंचित रह गए।

सूत्रों का कहना है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में गृह निर्माण समितियों की गड़बड़ियां सामने आई हैं। इसके अलावा छोटे स्थानों से भी शिकायतें आई हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए अधिकारियों से संवाद किया। भोपाल के गिरीश चन्द्र दुबे को गौरव गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा आवंटित भूखंड क्रमांक 80 किसी और अन्य को बेचे जाने का प्रकरण सामने आने पर मुख्यमंत्री ने सख्त नाराजगी जताई।

कमलनाथ ने अधिकारियों से कहा, “किसी मकान का छज्जा बड़ा बना लेना या नक्शा के अनुरूप मकान बना लेने वाला माफिया नहीं है। वास्तव में पैसा वसूलने वाले और संगठित होकर अपराध करने वाले ही माफिया की श्रेणी में आते हैं।”

मुख्यमंत्री ने सहकारी गृह निर्माण समितियों में सदस्यों के साथ की गई धोखाधड़ी के मामलों में सख्ती बरतने की बात कही और कहा कि गड़बड़ी करने वाली समितियों के खिलाफ सिर्फ एफआईआर दर्ज करने की औपचारिकता न हो, बल्कि उन्हें सजा भी मिले।

गृह निर्माण समितियों में हो रही गड़बड़ियों की शिकायतें बड़ी संख्या में सामने आने पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह “गड़बड़ी करने वाली सभी हाउसिंग सोसायटीज के मामलों में बैठक लें और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। आवश्यकता पड़ने पर सरकार ऐसी सहकारी समितियों का सहकारिता अधिनियम के तहत अधिग्रहण करने की कार्रवाई कर प्रशासक नियुक्त करें।”

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री मानते हैं कि एक व्यक्ति अपने जीवन की पूरी पूंजी भूखंड खरीदने और मकान में लगा देता है। जब उसके साथ गृह निर्माण समिति द्वारा धोखाधड़ी की जाती है तो उसे बड़ा आघात लगता है। लिहाजा ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के साथ वास्तविक व्यक्ति को उसका हक दिलाना प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी है। इस दिशा में सरकार और प्रशासन को काम करना चाहिए।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य में गृह निर्माण समितियों पर बड़ी कार्रवाई होने की संभावना बन गई है। जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर ऐसी समितियों का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है, जिन्होंने अपने सदस्यों के साथ धोखाधड़ी की है।

ज्ञात हो कि राज्य में विभिन्न स्थानों पर भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान जारी है। बड़ी संख्या में गगनचुम्बी इमारतों को ढहाया गया है। वहीं सरकारी जमीनों को कब्जामुक्त किया गया है। राज्य में अबतक कई सौ करोड़ रुपये की जमीन को मुक्त कराया गया है। माफियाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

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