देश भर में अशांति का आरोप लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का असम, त्रिपुरा व दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया और पड़ोसी बांग्लादेश के साथ देश के संबंधों पर कानून को लेकर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई। ममता बनर्जी ने भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियों से देश भर में कानून के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने की अपील की। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर इस मुद्दे पर ‘सांप्रदायिक खेल’ खेलने का आरोप लगाया।
पूर्वी मिदनापुर जिले के दीघा में उन्होंने मीडिया कर्मियों से कहा, “मैंने सभी पार्टियों को एक स्टैंड लेने के लिए बधाई दी..अब हम अपनी मजबूती के साथ देश भर में इसे जन आंदोलन का निर्माण करते हैं।”
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा अपने राज्यों में एनआरसी या कैब लागू नहीं करने पर ममता बनर्जी ने संतोष जताया। उन्होंने दोनों राज्यों से जन आंदोलन तैयार करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “वे हमें जेल भेज सकते हैं और हमें यातनाएं दे सकते हैं। हम इसका सामना करने को तैयार है। लेकिन हम कभी कैब या एनआरसी को स्वीकार नहीं करेंगे और उन्हें (भाजपा को) देश को बांटने की अनुमति नहीं देंगे।”
पूर्वोत्तर में भारी प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में ममता बनर्जी ने कहा, “पूरे राष्ट्र में अशांति है।”
उन्होंने कहा, “असम जल रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहती कि हिंसा बढ़े। लेकिन, मैं चाहती हूं कि लोग लोकतांत्रिक रूप से प्रदर्शन करें। अगर वे (भाजपा) सोचते हैं कि वे वही रणनीति दोबारा लागू करेंगे जो कश्मीर में लोगों की आवाज दबाने के लिए की, राजनीतिक नेताओं को महीनों तक जेल में डाल दिया तो उस तरह से नहीं होगा।”