महाराष्ट्र के इस गांव में सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी भाषा, रोबोटिक्स में है दिलचस्पी

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक दूर-दराज गांव में जिला परिषद के सरकारी स्कूल में रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी का ज्ञान अर्जित करने की चाह में छात्र जापानी भाषा सीख रहे हैं. औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर स्थिति गदिवत गांव में अच्छी सड़कें और अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भले ना पहुंच पाई हो लेकिन, इंटरनेट सेवा स्थानीय जिला परिषद स्कूल के बच्चों के लिए वरदान साबित हुई हैं|

सरकारी स्कूल ने पिछले साल सितम्बर में एक विदेशी भाषा कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया था. इसके कार्यक्रम के तहत चौथी से आठवीं कक्षा के छात्रों से अपनी पसंद की एक भाषा चुनने को कहा गया |

स्कूल के शिक्षक दादासाहेब नवपुत ने कहा, ‘‘ हैरानी की बात है, उनमें से अधिकांश ने कहा कि वे रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी में रुचि रखते थे और जापानी भाषा सीखना चाहते हैं.” उन्होंने बताया कि जापानी भाषा सिखाने के लिए कोई उचित पाठ्यक्रम सामग्री और पेशेवर मार्गदर्शन नहीं होने के बावजूद, स्कूल प्रशासन इंटरनेट पर वीडियो और अनुवाद अनुप्रयोगों से जानकारी इकट्ठा करने में कामयाब रहा. हालांकि अब औरंगाबाद के भाषा विशेषज्ञ सुनील जोगदेओ छात्रों को जापानी भाषा सिखा रहे हैं|

स्कूल की इस पहल के बारे में पता चलने के बाद जोगदेओ ने स्कूल से सम्पर्क किया और ऑनलाइन कक्षाएं लेने की इच्छा जाहिर की. जोगदेओ ने कहा, ‘‘ मैंने जुलाई में 20 से 22 सत्र आयोजित किए हैं. बच्चे प्रतिबद्ध हैं और सीखना चाहते हैं. थोड़े समय में उनका काफी कुछ सीख लेना कमाल है|

सभी छात्रों के पास ऑनलाइन कक्षाओं के लिए ‘स्मार्ट फोन’ ना होने के कारण स्कूल ने एक ‘विश्व मित्र’ पहल की शुरुआत की, जिसके तहत बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं में जो भी सीखाया जाता है उसे अपने साथी छात्रों को सिखाते हैं|

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