मोदी मंत्रिमंडल में बिहार के 6 सांसद बने मंत्री

पटना। मोदी सरकार में बिहार के छह सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इनमें बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह का कद बढ़ा है। गिरिराजसिंह पिछली बार स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री थे अब उनको कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पिछले मोदी मंत्रिमंडल में शामिल रामकृपाल यादव और राधामोहन सिंह को इस बार जगह नहीं मिली है।

17वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से चार लाख 22 हजार मतों के बड़े अंतर से जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्रसंघ  के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार  को हराकर संसद पहुंचने वाले भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह केंद्र में दोबारा मंत्री बने। पिछले कार्यकाल में उनके जिम्मे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय था। उन्‍हें विभाग में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। लेकिन इस बार उन्‍हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

देश में गठबंधन की सियासत के महारथियों की चर्चा हो तो उसमें बिहार के राम विलास पासवान  का नाम अग्रिम पंक्ति में लिया जाता है। तीन दशक में जिन कुछ क्षेत्रीय दलों के महारथियों ने सत्ता के सबसे निपुण दांव चले, उनमें लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीमो रामविलास पासवान शामिल रहे हैं। सरकार कोई भी हो, राम विलास पासवान मंत्री जरूर रहे। राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री पासवान गुरुवार को फिर एनडीए की नई सरकार में शामिल हो गए। रामविलास पासवान बिहार से राज्‍यसभा भी जाएंगे।

बिहार के पटना साहिब लोकसभा से जीते सांसद रविशंकर प्रसाद दोबारा मंत्री बन गए। उन्‍हें नरेंद्र मोदी की सरकार में फिर शामिल किया गया है। दरअसल पीएम मोदी की कैबिनेट में बिहार से भी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले कुछ नेताओं को जगह मिली। इसी में रविशंकर प्रसाद को भी शामिल गया। रविशंकर प्रसाद ने पटना साहिब लोकसभा सीट से जीत हासिल की है और कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा को हराया है।

कांग्रेस सरकार में केके तिवारी के बाद अश्विनी कुमार चौबे बक्सर से ऐसे दूसरे सांसद हैं, जो केंद्र में दोबारा मंत्री बने हैं। चौब मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे हैं। उनहें स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य मंत्री की जिम्‍मेदारी दी गई थी। इस चुनाव में लगातार दूसरी बार बक्सर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए चौबे पांच बार भागलपुर का विधानसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पटना विश्वविद्यालय के छात्रसंघ से की और 1978 में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने प्रतिष्ठित पटना साइंस कॉलेज से जूलॉजी में स्नातक किया है। इस बार इन्‍हें राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।

नौकरशाह से राजनेता बने 1975 बैच के आईएएस अधिकारी राजकुमार सिंह यानी आरके सिंह को मोदी कैबिनेट में दोबारा शामिल कर लिया गया। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्‍हें मंत्री पद की शपथ दिलाई। वे आरा से दोबारा सांसद बने थे। उन्‍होंने सीपीआई माले के उम्‍मीदवार राजू यादव को हराया था। इसके पहले भी आरके सिंह केंद्र में मंत्री थे। इन्‍हें भी राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।

बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय भी मोदी कैबिनेट में शामिल किए गए हैं। नित्यानंद राय अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते हैं। वे पहली बार केंद्र में शामिल हुए हैं। उन्‍हें राज्‍यमंत्री बनाया गया है। उन्हें भाजपा ने वर्ष 2016 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद गुटों में बंटी बिहार भाजपा को एकजुट कर एक मंच पर ला खड़ा कर दिया। अपने उसूलों और पक्के इरादे को साथ लेकर चलने वाले नित्यानंद राय ने इस बार रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को हराया है। नित्‍यानंद को राज्‍यमंत्री बनाया गया है।

इस बार भले ही बिहार में भी भाजपा की बल्‍ले-बल्‍ले रही। लेकिन मंत्री पद में पिछली सरकार के दो मंत्रियों को आउट कर दिया गया। इस बार पाटलिपुत्रा लोकसभा क्षेत्र से जीते रामकृपाल यादव और पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र से जीते राधामोहन सिंह को मंत्री नहीं बनाया गया है। हालांकि, रामकृपाल यादव के मंत्री बनने की बड़ी उम्‍मीद थी। उन्‍होंने दूसरी बार राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती को हराया है। इनके मंत्री नहीं बनने से समर्थकों में निराशा है।

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