जयपुर, -राजस्थान में चल रही हड़ताल के कारण सभी 247 एग्रीकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी मंडियों की बंदी के बावजूद राज्य में गेहूं, चना और सरसों की खरीद जारी है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि इन मंडियों के व्यापारी दो प्रतिशत किसान कल्याण उपकर लगाने के विरोध में हड़ताल पर हैं।
उन्होंने कहा, “हम पहले से ही एग्रीकल्चरल मार्केटिंग एक्ट 1961 के तहत बड़ी फीस का भुगतान कर रहे हैं। अब इस दूसरे उपकर से कृषि उपज के व्यापार में नुकसान होगा।
कोऑपरेटिव मंत्री उदयलाल अंजना ने कहा कि राज्य में 45,813 किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक 1.16 लाख टन सरसों और चने की खरीद की जा चुकी है, जिसकी 12 मई तक कुल कीमत 541.52 करोड़ रुपये है। अंजना ने कहा कि इसके अलावा 32,509 किसानों को उनके बैंक खातों में 386.71 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
अंजना ने कहा कि अधिकतम किसानों को एमएसपी में खरीद का लाभ पाने की अनुमति देने के लिए, केंद्रों की क्षमता, जिसकी पंजीकरण सीमा पहले से ही पूरी हो चुकी है, में और 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
करीब 69 केंद्रों पर बुधवार को 10 फीसदी पंजीकरण की सीमा बढ़ाई गई। उन्होंने कहा कि किसान अब 14 मई से इन केंद्रों पर पंजीकरण कर सकते हैं। वहीं अब तक 208 केंद्रों पर 10 प्रतिशत पंजीकरण की सीमा बढ़ाई गई है, जिससे लगभग 15,000 किसानों को मदद मिली है।
भारतीय खाद्य निगम के आंकड़ों में कहा गया है कि राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा 1,42,044 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई, जबकि एफसीआई द्वारा 5,66,466 मीट्रिक टन की खरीद की गई।