राजस्थान में राजनीतिक संकट पर माकन ने कहा, यथास्थिति बरकरार

राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। राज्य में चल रहे राजनीतिक संकट में यथास्थिति बरकरार है, क्योंकि सचिन पायलट खेमे के बागी विधायकों को कांग्रेस में लाने के लिए उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है। हालांकि, पार्टी ने कहा है कि उसके पास बहुमत है और वह सदन के पटल पर उसे साबित कर सकती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और राजस्थान के विशेष पर्यवेक्षक, अजय माकन ने कहा कि यथास्थिति शब्द का इस्तेमाल करना गलत नहीं होगा। माकन जैसलमेर से एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब दे रहे थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के पास संख्या है और बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लेकर आया है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी है, हालांकि कांग्रेस ने उनसे कई बार पार्टी खेमे में लौटने की अपील की है। कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने कहा, अगर पायलट वापस लौटना चाहते हैं तो कोई पूर्व शर्त नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे गलत मिसाल कायम होगी।

जहां कांग्रेस का दावा है कि उसके पास बहुमत है, पार्टी संख्या को लेकर सावधान है। क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट ने बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा और भाजपा विधायक मदन दिलावर द्वारा कांग्रेस के साथ छह बसपा विधायकों के विलय को चुनौती देने वाली दायर याचिका के संबंध में बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को नोटिस जारी किया।

हालांकि, बागी विधायकों को राहत देते हुए राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने राज्य सरकार को गिराने के लिए कथित रूप से विधयाकों के खरीद-फरोख्त करने के आरोपी कांग्रेस विधायकों पर लगाए गए राजद्रोह के आरोप को खत्म कर दिया है।

राजस्थान पुलिस के एसओजी ने मंगलवार को मामला एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को ट्रांसफर कर दिया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक अगस्त को जैसलमेर में कहा था कि अगर राज्य में सरकार को अस्थिर करने की साजिश में लगे लोग पार्टी आलाकमान के सामने गलती स्वीकार करते हैं और उन्हें माफ कर दिया जाता है, तो वह भी उन्हें अपना लेंगे।

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